Friday, September 28, 2007

मधु कोडा को हटाना आसान नहीं

विजय चंद्रवंशी
झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोडा के खिलाफ सभी लोग बयान बाजी कर रहें है चाहे विरोधी दल हो या सहयोगी दल। सारे नेता आरोप लगा रहे है कि राज्य में भ्रष्टाचार है। विकास के क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर सरकार चल कैसे रही है। भाजपा और जनता दल यूनाइटेड के नेता विरोधी खेमे में हैं अर्थात सत्ता से बाहर हैं ऐसे में वे आरोप लगा रहें है तो एक बात समझ में आती है कि वे अपना राजनीतिक खेल खेल रहे हैं और जनता को यह बताना चाह रहे हैं कि वर्तमान यूपीए सरकार कुछ नहीं कर रही है। भाजपा और जदयू के नेता मुख्यमंत्री कोड़ा से इस लिये भी नाराज हैं कि मधु कोड़ा पहले भाजपा के खेमे में थे बाद में भाजपा छोड़ यूपीए की मदद से मुख्यमंत्री बन गये। बहरहाल यहां सत्ता ऱुढ नेताओं की बात करना महत्वपूर्ण होगा।




झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन ने जेल से निकलने के कुछ ही दिन बाद कहा कि मधु कोडा की सरकार कोई काम नहीं कर पा रही है। किसी का नाम लिये बिना कहा कि सभी लोग पैसे कमाने में लगें है। केन्द्रीय मंत्री और कॉग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने भी मधु कोडा की सरकार की जमकर आलोचना की और राज्य सरकार को भ्रष्ट बताया। उल्लेखनीय है कि यदि झामुमो और कॉग्रेंस में से एक ने भी समर्थन वापस ले लिया तो सरकार गिर जायेगी। ये लोग समर्थन वापस क्यों नहीं लेते ? दर असल शिबू सोरेन चाहते हैं कि मधू कोडा खुद ही इस्तीफा दे दे। ऐसे में शिबू सोरेन के लिये मुख्यमंत्री बनना आसान हो जायेगा। शिबू सोरेन को हत्याकांड मामले में बरी कर दिया गया है। अब उनके राह में कोई अडंगा नहीं है।
बताया जाता है कि मधु कोडा बेफिक्र हैं।उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कह रहा है। वे जानते हैं कि उन्हें हटाने के बाद किसी अन्य का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है और कोई भी विधायक चुनाव लड़ना नहीं चाहता है। ऐसे में उन्हें हटाना मुश्किल होगा। बहरहाल श्री कोड़ा की सरकार को एक साल से अधिक हो गया है और वे दुनिया के पहले व्यक्ति बन गये हैं जो बतौर निर्दलीय विधायक इतने लंबे समय तक मु्ख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं।

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