देश का सरकारी तंत्र कितना लचर है इसका ताजा उदाहरण है पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अभी तक रहने के लिये आवास का उपलब्ध न कराना। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दिये एक माह से अधिक हो चुका है। कारण बताया जा रहा प्रशासन उनके आवास को अभी तक तैयार नहीं करा पाया है।सभी लोगों को पहले से हीं जानकारी होती है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कब खत्म होगा और उन्हें क्या क्या सुविधा उपलब्ध करानी है लेकिन हमारा प्रशासन सोया हुआ है।उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत को भी अभी तक आवास उपल्ब्ध नहीं कराया गया है।डा कलाम और अन्य पूर्व राष्ट्रपतियों में अंतर है। डा कलाम दुनियां के जाने माने वैज्ञानिक भी हैं।सुरक्षा की लिहाज से डा कलाम को जेड प्लस सुरक्षा कवर मिला हूआ है लेकिन वे एक गेस्ट हाउस में रहने को विवश हैं। उन्हें आंतकवादी संगठनों से भी खतरा है।केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग एक पूर्व राष्ट्रपति को आवास उपलब्ध नहीं करा पायी है इससे अधिक हास्यास्पद और क्या हो सकता है।
Tuesday, September 11, 2007
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1 comment:
अजब बात है. है तो हास्यास्पद!! पता नहीं क्या इन्तजामात में लगे हैं!!!
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