Thursday, October 29, 2009

झारखंड विधान सभा चुनाव से जुड़ी खबरें


झारखंड में पहले चरण का मतदान अब 25 नवंबर को होगा।
झारखंड के पहले चरण का मतादान अब 27 नवंबर की जगह 25 नवंबर को होगा। निर्वाचन आयोग ने यह फैसला विभिन्न राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद लिया है। राजनीतिक दलों ने अनुरोध किया था कि 28 नवंबर को ईद उल अजहा का त्योहार है यानी बकरीद का त्योहार है। इससे पहले 27 नवंबर को जुमा पर विशेष नमाज होगी। इस कारण बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मतदान करने से वंचित हो सकते हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से विचार विमर्श करने के बाद तीथि में परिवर्तन किया।

25 नवंबर को 30 सीटों के लिए पड़ेंगे वोट। ये सीटे हैं – धनबाद, सिंद्री, झरिया, निरसा, टुंडी, बाघमारा, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, राजमहल, बोरियो(एसटी), बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा(एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), दुमका(एसटी), जामा(एसटी), जरमुंडी, पोड़ैयाहाट, नाला, जामताड़ा, मधुपुर, सारठ, देवघर(एससी), गोड्डा, महगामा, रांची, हटिया, कांके(एससी), जुगसलाई (एससी)।
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चुनाव के लिये फॉर्म की बिक्री 30 अक्टूबर से
झारखंड विधान सभा चुनाव में नामांकन के लिये फॉर्म की बिक्री 30 अक्टूबर से शुरू हो जायेगी। चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित शुल्क सामान्य उम्मीदवारों के लिये पांच हजार रूपये और एससी-एसटी उम्मीदवारों के लिये 2500 रूपया है। सुविधा के लिये जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा ठोस उपाय किये जा रहे हैं।
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81 विधान सभा सीटों के लिये 23 हजार कांग्रेसी उम्मीवारों ने चुनाव लडने के लिये आवेदन किया।
कांग्रेस महासचिव कांग्रेस राहुल गांधी का करिश्मा हीं है कि झारखंड के सारे कांग्रेसी को लगता है कि यदि वे भी चुनाव मे खड़े होंगे तो चुनाव जीत जायेगें। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 81 विधान सभा सीटों के लिये कांग्रेस की ओर चुनाव लडने के लिये 23 हजार से अधिक आवेदन आये हैं। इन सभी को चुनाव लडने के लिये टिकट चाहिये।
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भाजपा सामूहिक नेतृत्व के बल पर चुनाव लडेगी।
झारखंड में बीजेपी दो गुटों में बंटी हुई है एक खेमे का अगुवा यशवंत सिन्हा है तो दूसरे का रघुवर दास। दोनो हीं भाजपा दिग्गज हैं। रघुवर दास झारखंड भाजपा अध्यक्ष हैं तो यशवंत सिन्हा भाजपा के वरिष्ठ नेता। वे केद्रीय वित्त मंत्री रह चुके है। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो यशवंत सिन्हां देश के जाने माने हस्ती और चेहरे हैं लेकिन भाजपा के अंदर उनकी स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जितनी पहले थी। लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा कि विधान सभा चुनाव किसी एक चेहरे को सामने रख नहीं लड़ा जायेगा बल्कि सामूहिक नेतृत्व हीं चुनाव लडेगा।
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भाजपा डरी हुई है जनता दल यूनाईटेड से।
भाजपा और जेडीयू के बीच अभी तक तालमेल को लेकर कोई ठोस बातचीत नहीं हो पाई है। वहीं दूसरी ओर जेडीयू झारखंड में अपनी ताकत लगातार बढाती जा रही है। यदि दोनो पार्टियों के बीच तालमेल होता है तो इस बार जेडीयू को अधिक सीटें देने पडेगी जिसके लिये भाजपा अभी तक मानसिक रूप से तैया नहीं है। झारखंडे के दो दिग्गज नेता जेडीयू में शामिल हो चुके हैं शैलेंद्र महतो और राजा पीटर। शैलेद्र महतो का चुनाव लडना तय है और राजा पीटर का भी। राजा पीटर झारखंड के धाकड नेता शिबू सोरेन को एक उपचुनाव में हरा कर चर्चित हुए थे। ऐसे और भी नेता है जेडीयू में शामिल हुए है औ चुनाव लडेगें। ऐसे में बीजेपी क्या करेगी। क्योंकि जेडीयू उन सीटों से चुनाव लडने की तैयारी कर रहा है जहां पहले बीजेपी उम्मीदवार था।

Wednesday, October 28, 2009

गरीब हथियार न उठाये इसके लिये जरूरी है कि शोषक और कालेधन पर रोक लगाये। सिस्टम को ईमानदार बनाये।



प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनियां गांधी और कांग्रेस महासचिव और इससे भी बढकर गरीबों के हमदर्द राहुल गांधी के नेतृत्व में एक स्वस्थ्य सिस्टम नहीं बना पाया तो आने वाले कई वर्षों तक बनना मुश्किल होगा। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से अपने आपको गरीबों के साथ जोड़ा उससे यह उम्मीद बढी है कि मुश्किल समस्याओं का समाधान निकल जायेगा।
देश का पूरा महकमा परेशान है कि गरीब लोगों ने हथियार क्यों उठा लिये। उन्हें हर कीमत पर रोका जायेगा। और इसका अंतिम विकल्प सेना है। पीसीपीए ने अपने नेता छत्रधर महतो को छुड़ाने के लिये भुवनेश्वर से दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को अगवा कर लिया तो हा हा कार मच गया। मचना स्वाभाविक था। मैं भी इस तरह के काम को या किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता हूं। और न हीं किसी प्रकार की हिंसा होनी चाहिये। लेकिन जिस प्रकार से नक्सल का प्रभाव बढता जा रहा है उसके लिये कोई और नहीं हम और आप दोषी हैं। देश के सिस्टम को चलाने वाले दोषी है।

जिसके साथ अन्याय होगा और प्रशासन उसका साथ न दे तो एक शोषित व्यक्ति आत्महत्या कर लेगा।
लेकिन दस शोषित व्यक्ति यह तय कर ले कि आत्महत्या से अच्छा देश के उन दुश्मनों पर राजनीतिक हमला किया जाये, जो सिस्टम सिर्फ अपने स्वार्थ के लिये चला रहे हैं तो आप उनका कुछ नहीं बिगाड सकते। क्योंकि वह वयक्ति भ्रष्ट सिस्टम का इतना शिकार हो चुका है कि वह परिवार सहित आत्महत्या करने के लिये तैयार हैं।
ट्रेन को पांच घंटे तक अगवा कर रखा गया लेकिन पीसीपीए के लोगों ने एक भी यात्री की हत्या नहीं की। क्योंकि उनलोगों की दुश्मनी किसी व्यक्ति या समाज से नहीं है। बल्कि उस सिस्टम के खिलाफ है जो गरीबों के साथ न्याय नहीं करता। सिस्टम को चलाने वालों में से कई ऐसे लोग हैं जो अत्याचारियो का साथ देते हैं। ऐसे मामले भरे पड़े है कि शोषको ने पहले गरीबों की जमीन को कब्जा किया। उस जमीन पर उसी से मजदूरी कराई। मजदूरी के नाम पर दो-चार रुपये और थपड दिये गये। विरोध करने पर मारपीटाई के साथ उनके घर की महिलाओं की इज्जत तार तार कर दी गई। पुलिस मे शिकायत करने पर उल्टे कुछ पुलिस वालों ने शोषको का साथ दिया। पुलिस वाले गरीबो की रक्षा करने की वजाय वही दुष्कर्म किया जो शोषकों ने किया। न्यायलय की प्रक्रिया इतनी लंबी और महंगा है कि वे वहां तक पहुंच हीं नहीं पाते और जो पहुंचते हैं उसे उसी चक्कर में वर्षों बीता देते लेकिन न्याय नहीं मिलता।

सरकार, प्रशासन, न्यायलय और मीडिया में बैठे लोगों को समझना होगा कि देश की एक बड़ी आबादी हथियार क्यों उठा रही है। इस बात को मीडिय से जुडे लोग उठाते रहे हैं। न्यायलय से जुडे लोग इसका सिर्फ एहसास कर सकते है लेकिन मुख्य काम तो सरकार और प्रशासन को हीं करना है तो वे क्यों नहीं करते। किसी की जमीन लुट जाये, किसी की बहन बेटी की इज्जत लुट जाये। कोई न्याय न मिले तो ऐसे में स्वाभाविक इंसान मरने-मारने पर उतारू हो जाता है।

बहरहाल सरकार नक्सल से निपटने के लिये कड़ाई से निपटने की बात दोहराती है लेकिन उनकी समस्याओं को हल करने के लिये कुछ ठोस कदम नहीं उठाती। लेकिन हमारा सिस्टम उन सभी लोगों को बचाना चाहती है जो देश का कालाधन स्विस बैंकों में जमा रखे हैं।

(बीबीसी के अनुसार) हम सभी जानते हैं कि चीन और जापान के बाद भारत एशिया की तीसरी बड़ी अर्थ व्यवस्था है। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड देखा जाए तो भारत की लगभग एक अरब 28 करोड़ की आबादी में से केवल तीन करोड़ 15 लाख लोग टैक्स देते हैं। और उनमें से 80 हज़ार लोग ऐसे हैं जिन की घोषित वार्षिक आय साढ़े दस लाख रुपये (22,600 अमरीकी डॉलर) है. मगर स्विस बैंकों सहित दुनिया की साठ से अधिक टैक्स बचाव/ छिपाओ संस्थाओं के ख़ुफिया खातों में चीनियों के केवल 9600 करोड़ डॉलर जमा हैं. जबकि इन ख़ुफिया खातों में भारतीयों के 15 हज़ार करोड़ डॉलर के लगभग जमा हैं।
आसान हिंदी में इस का अर्थ यह है कि दुनिया में काले धन का हर 11वाँ डॉलर किसी न किसी भारतीय के ख़ुफिया खाते में जमा है. अगर इस रक़म को भारत के 45 करोड़ इंतिहाई ग़रीब लोगों को बांट दिया जाए तो हर एक को लाख लाख रुपए मिल सकते हैं।

अब से तीन साल पहले स्विस बैंकर्स एसोसिएशन ने प्रस्ताव दिया था कि अगर भारत सरकार अनुरोध करे तो वह स्विस बैंकों के खातों की जानकारी दे सकती है. लेकिन आज तीन साल बाद भी सरकार "करते हैं, देखते हैं, सोचते हैं, बताते हैं," कर रही है.

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम हों या वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी या विदेश मंत्री एस एम कृष्णा. सब हैरान हैं कि नक्सली इतने आपे से बाहर क्यों हो रहे हैं. कोई इस पर हैरान नहीं है कि दुनिया में मौजूद साढ़े गयारह खरब डॉलर में से डेढ़ खरब डॉलर के मालिक कुछ हज़ार भारतीय कैसे हैं और इतना बड़ा ख़ुफिया धन भारत से बाहर रखने में कैसे कामयाब हैं.
वर्तमान में देश का नेतृत्व ईमानदार लोगों के हाथ में हैं, चाहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हों या सत्तारूढ पार्टी की अध्यक्षा सोनियां गांधी या गरीबों को हमदर्द बनाने वाले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी । इसलिये उम्मीद की जानी चाहिये कि नक्सल समस्याएं और काले धन का मामला सुलझ जायेगा। अंत में दोनो हीं पक्षों को यह समझना होगा कि हथियार के बल पर समस्याओं का समाधान नहीं होगा। सुरक्षा बल और नक्सली संगठन दोनो को हीं गोलीबारी से बचना चाहिये। और बातचीत के मार्फत एक नये रास्ते निकाले जाने चाहिये।

झारखंड विधान सभा चुनाव से जुड़ी सुर्खियां

झारखंड में विधान सभा चुनाव ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई है। कौन किस पाले में जायेगा और इसके क्या लाभ होंगे इसको लेकर गुणा भाग किया जा रहा है।

भाजपा नेता राजकिशोर को उम्मीद है कि झारखंड में एनडीए की सरकार बनेगी।
भाजपा विधान सभा चुनाव तैयारियों में जुड गई है। भाजपा नेता राजकिशोर महतो को विश्वास है कि इस बार झारखंड में एनडीए की सरकार बनेगी। सिंद्री विधान सभा इलाके में अपना छाप छोड चुके श्री महतो इस बार भी सिंद्री विधान सभा से चुनाव लडेगें। पिछली बार उन्होंने मासस के ताकतवर नेता आंनद महतो को हराया था। राजकिशोर महतो का प्रभाव सिर्फ अपने विधान सभा क्षेत्र तक हीं सीमित नहीं है। बल्कि पूरे झारखंड में है। श्री महतो के बारे में कहा जाता है कि आज यदि वे राजनीति में नहीं होते तो किसी हाई कोर्ट में जज होते। श्री महतो झारखंड के सर्वाधिक क्रांतिकारी नेता और विचारक विनोद बिहारी महतो के ज्येष्ठ पुत्र हैं। श्री महतो गिरिडीह से सांसद भी रह चुके है।

मासस 13 सीटों पर चुनाव लडेगी -
धनबाद- माक्र्सवादी समन्वय समिति (मासस) ने ऐलान किया है कि आगामी झारखंड विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी 13 सीटों पर अपने उम्मीदावर खड़ा करेगी। इनमें से 9 सीटों पर मासस अपने उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला कर चुकी है। ये सीटें हैं – निरसा, सिंद्री, चंदनकियारी, गिरिडीह, बडकागांव, डूमकी, मांडू, ,सिल्ली और रांची। बाकी चार सीटों (धनाबद, बोकारो, झरिया और टुंडी) पर विचार मंथन जारी है। मासस नेता अरूप चटर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाये रखेगी।

राजद और लोजपा मिलकर चुनाव लडेगें झारखंड में
लोक जनतांत्रिक पार्टी(लोजपा) के नेता राजकुमार राज ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में यूपीए का रूख क्या होगा अभी तक तय नहीं हो पाया है लेकिन इतना तय है कि लोजपा और राजद( राष्ट्रीय जनता दल) एक साथ मिलकर चुनाव लडेगें। लोजपा ने इसका ऐलान कर दिया है। लोकसभा में राजद-लोजपा को निराशा हाथ लगी थी लेकिन बिहार के उपचुनाव में राजद-लोजपा को बडी सफलता मिली। इससे राजद-लोजपा के कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह है।

जदयू की राजनीतिक शक्ति में इजाफा
जनता दल यूनाटेड(जदयू) झारखंड में अपनी शक्तियो में लगातार इजाफा करता जा रहा है। झारखंड के कई महत्वपूर्ण हस्तियां जदयू मे शामिल हो रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं शैलेंद्र महतो और पीटर राजा। पीटर राजा उस समय सुर्खियों में आये उन्होंने विधान सभा के उपचुनाव में झारखंड के सबसे ताकतवर नेता शिबू सोरेन को हरा दिया था। शैलेंद्र महतो कई बार सांसद रह चुके हैं। श्री महतो झामुमो से अपनी राजनीति की शुरूवात किये थे लेकिन बाद में बीजेपी में चले गये लेकिन बीजेपी ने इनके साथ न्याय नहीं किया।

Tuesday, October 27, 2009

छत्रधर महतो को छुड़ाने के लिये राजधानी एक्सप्रेस हाईजेक

पीसीपीए(People's committee against police atrocities ) के नेता छत्रधर महतो को जेल से छोडने की मांग को लेकर माओवादियों ने भूवनेश्लर से दिल्ली आ रही राजधानी एक्सप्रेस को अगवा कर लिया था जिसे चार-पांच घंटे बाद सीआरपीएफ के जवानो ने छुडवाया। इस दौरान किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

दिन में साढ़े तीन बजे पश्चिम बंगाल के झारग्राम इलाके के बांसतला में माओवादियों ने लाल झंडा दिखा कर राजधानी एक्सप्रेस को रुकवा दिया था। ड्राइवर ने लाल झंडा देख गाड़ी रोक दी। इसके बाद माओवादियों ने ट्रेन के ड्राइवर तथा असिस्टेंट ड्राइवर को अपने कब्जे में कर लिया था। उन्हें छुड़ाने गए सीआरपीएफ के जवानों के साथ माओवादियों की झड़प भी हुई। सीआरपीएफ के जवानों ने माओवादियों को मौके वारदात से छुडाकर ट्रेन और ट्रेन के ड्राईवर को अपने संरक्षण में ले लिया।

देश के गृहमंत्री ने कहा है कि ट्रेन को सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया। सभी यात्री सुरक्षित है। लेकिन सवाल उठता है कि इस नक्सल समस्याओं से कैसे निपटा जाये। यदि सरकार सिर्फ कंमाडो के बल पर नक्सलियों को खत्म करना चाहती है तो यह संभव नहीं दिखता। केंद्र और राज्य सरकारों को आम जनता की समस्याओं को समझना होगा। उनके लिये सरकारें जो बजट पास करती है उन्हें विकास के काम लगना होगा नहीं तो आने वाले दिनों में हालात और भी खराब होते जायेगें। पुलिस-प्रशासन को समझना होगा कि आम आदमी को न्याय कैसे दिलायें।

गरीबों के खिलाफ की जा रही षडयंत्रो का जोरदार विरोध करेगी झामुमो – हेमंत सोरेन

विजय रवानी की रिपोर्ट -
झामुमो के नेता और राज्यसभा सांसद हेमंत सोरेन ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी किसी अन्य पार्टी से चुनावी समझौता करने की पहल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि झामुमो अकेले विधानसभा का चुनाव लड़ने के पक्ष में है। श्री सोरेन ने कहा कि झामुमो जब कभी भी अकेले चुनाव लड़ा है तब उनकी पार्टी फायदे में रही है। और समझौते के तहत लड़ने में उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।

झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने आक्रमक रूख अपना लिया है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार कोई गलत फैसला लेती है तो झामुमो उसका जोरदार विरोध करेगी। यूपीए से झामुमो का संबंध सिर्फ केद्रीय सरकार को समर्थन देने तक सीमित है।

हेमत सोरेन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल के उस सुझाव का भी जोरदार विरोध किया कि आईआईटी में प्रवेश के लिये 80 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगें। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल के इस सुझाव का सीधा असर गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों पर पड़ेगा। श्री सोरेन ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री सिब्बल कह रहे हैं कि इस बारे में आइआइटी काउंसिल निर्णय लेगा। सिब्बल के इस प्रयास से यह साबित होता है कि कांग्रेस का हाथ आम लोगों के साथ नहीं है।

श्री सोरेन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी समाज के कमजोर वर्गों के बीच चालाकी से फूट डालने की कोशिश कर रही है लेकिन झामुमो ऐसा होने नहीं देगा।

यूपीए के बिखरने का लाभ होगा एनडीए को झारखंड में ।

झारखंड में विधान सभा चुनाव के लिये सभी राजनीतिक दलों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है। एक ओर यूपीए जहां झारखंड में बिखरा हुआ है वही दूसरी ओर एनडीए यूपीए के आपसी एकता बिखरने से खुश है। एनडीए को लगता है कि यदि यूपीए लोकसभा चुनाव की तरह विधान सभा चुनाव में भी बिखरा रहता है तो एनडीए लोकसभा चुनाव की तरह विधान सभा चुनाव में भी यूपीए का सफाया कर देगा।

झारखंड में भाजपा के दिग्गज नेता राजकिशोर महतो ने कहा कि झारखंड में एनडीए की सरकार बनेगी यह तय है। उन्होंने कहा कि यूपीए से जुडे राजनीतिक दल झारखंड में विकास का काम नहीं कर सकते। श्री महतो ने कहा कि झारखंड की जनता इस बार पूर्ण बहुमत देगी एनडीए की सरकार को ताकि झारखंड की अर्थव्यस्था पटरी पर आ सके। श्री महतो ने कहा कि यूपीए के बिखरने और न बिखरने का सवाल नहीं है। झारखंड में भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है इस लिये एनडीए की जीत तय है।

झारखंड में जिन राजनीतिक दलों का दखल है उनमें महत्वपूर्ण पार्टियां हैं – कांग्रेस, भाजपा, झामुमो, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाईटेड, आजसू और वामपंथी पार्टियां हैं। इनमें से भाजपा और जदयू के बीच तालमेल लगभग तय माना जा रहा है लेकिन आजसू का रूख अभी तक साफ नहीं है। एक समय यूपीए से जुड़े रहे कांग्रेस, झामुमो और राजद मिलकर चुनाव लड़ते हैं या नहीं इसको लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं है। लेकिन इतना तय है कि राजद और रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी मिल कर चुनाव लडेगी।

बहरहाल, राजनीतिक अस्थिरता के चलते लगभग झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू रहा। इस साल 19 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा झारखंड में राष्ट्रपति शासन का अंत कर राज्य विधानसभा को भंग करने के फैसले के एक दिन बाद मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने 23 अक्टूबर को चुनाव तिथि का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयु्क्त ने कहा कि राज्य में 27 नवंबर और 2, 8, 12 और 18 दिसंबर को 5 चरणों में वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती का काम 23 दिसंबर को होगा।

नवीन चावला ने कहा कि राज्य में कुल मिलाकर 1 करोड़ 80 लाख 27 हजार 476 वोटर मतदान के योग्य हैं। राज्य की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए और नौ सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं।

Friday, October 16, 2009

नक्सली हमले में मारे गये इंस्पेक्टर फ्रांसिस के परिवार से मिले राहुल गांधी

नक्सलियों के हमले में मारे गये इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की पत्नी सुनीता ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को बताया कि नक्सवाद पर रोक लगाने के लिये ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी - जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क आदि। सुनिता और उनके तीनों बच्चों से मिलने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी खुद गये थे। क्योंकि कुछ दिनों पहले नक्सलियों ने इंस्पेक्टर फ्रांसिस की बेरहमी से हत्या कर दी थी। राहुल गांधी ने खुद पूछा कि नक्सवाद को मुख्यधारा में लाया जा सकता है।

इंस्पेक्टर के परिवार वालों से राहुल गांधी ने कहा कि आत्मघाती हमले में पिता को खोने का दर्द वे समझते हैं। उन्होंने इंदवार की पत्नी सुनीता और तीनों बच्चो को हिम्मत देते हुए कहा कि तमिलनाडु के श्रीपेरूम्बुदूर में उन्होंने भी अपने पिता को खो दिया था।
1991 में आत्मघाती हमले में उनके पिता की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बच्चो से कहा कि आप अच्छे से पढाई करना।

अपने दो दिवसीय झारखंड दौरे के दौरान राहुल गांधी ने इंदवार के परिवार के यहां लगभग 20 मिनट बताय़े। राहुल गांधी ने इस बात पर भी विचार करना शुरू कर दिया है कि नक्सलियों को मुख्यधारा में कैसे लाया जाये। उनकी बुनियादी समस्याओं को समझ उसे कैसे दूर किया जाये।

Thursday, October 15, 2009

अपने वेतन में कटौती का फैसला किया मुकेश अंबानी ने

देश के जानेमाने उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी ने अपने वेतन में दो तिहाई कटौती करने का फैसला किया है। जीवन में सादगी को प्राथमिकता देने वाले मुकेश अंबानी ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के वेतन में कमी लाने के लिए चल रही बहस के बीच एक उदाहरण पेश करने का फैसला किया है।

मुकेश अंबानी ने इस ओर इसलिये पहल की है क्योंकि देश के कंपनी मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सीईओ स्तर के अधिकारियों को अपने वेतन के बारे में सोचना चाहिये। मुकेश अंबानी के इस फैसले के बाद अब उन्हें एक साल में सिर्फ 15 करोड़ रुपये का पैकेज मिलेगा जबकि उनका पैकेज 44 करोड़ का था।

आरआईएल के सीईओ मुकेश अंबानी के इस फैसले के बाद उनका वेतन अन्य कंपनयों के सीईओ के वेतन से भले हीं कम हो जायेगा लेकिन उन्होंने जो यह कदम उठाया है वह आने वाले दिनों में एक मिसाल कायम करेगा।

कांग्रेस बना सकती है डॉ उरांव को झारखंड का मुख्यमंत्री उम्मीदवार

कांग्रेस पार्टी को झारखंड में एक ऐसे चेहरे की तलाश है जिसकी छवि साफ सुथरी हो और राज्य की बागडोर संभाल सके। यानी मुख्यमंत्री का दायित्व निभा सके। कांग्रेस की ओर से कई दावेदार हैं। लेकिन जानकार बताते हैं कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की पंसद डॉ रामेश्वर उरांव हैं। रामेश्वर उरांव इस बार संसद का चुनाव हार गये लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को उनपर अभी भी विश्वास है।

रामेश्वर उरांव प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछली सरकार में आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री थे। राजनीति में आने से पहले वे झारखंड में अतिरिक्त पुलिस महानिदेश थे। अर्थशास्त्र के अच्छे जानकार हैं। अर्थशास्त्र में वे पीएचडी हैं। अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन जी को भी लग सकता है रामेश्वर उरांव बढिया उम्मीदवार होंगे झारखंड मुख्यमंत्री पद के लिये।

डॉ उरांव के बारे में कहा जाता है कि उनकी छवि ईमानदार है। अर्थशास्त्र के अच्छे जानकार होने के साथ साथ प्रशासन का अच्छा खासा अनुभव है। इसलिये वे झारखंड के विकास के साथ साथ वहां के नक्सल समस्याओं के समाधान के रास्ते भी निकाल सकते हैं।

हर जगह चर्चा में हैं राहुल गांधी

झारखंड में इनदिनों चर्चा है तो सिर्फ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की। खनिज संपदा से भरपूर झारखंड के विकास के प्रति राहुल गांधी काफी संवेदनशील हैं। वे कांग्रेस को मजबूत बनाने के साथ साथ भविष्य के लिये अच्छे युवा नेता भी तैयार करना चाहते हैं। उन्होंने साहेबगंज और दुमका में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मलेन में युवाओं को आगे आने का आह्ववान किया। उन्होंने कहा कि सलेक्शन के बदले इलेक्शन पद्वति पर जोर दिया जा रहा है ताकि सही नेतृत्व उपर आ सके। उन्होंने रांची के अलावा धनबाद जिले में भी कार्यकर्ताओं से मिले और पार्टी को मजबूत बनाने का आह्वान किया।

आज पूरे झारखंड में सिर्फ राहुल गांधी की हीं चर्चा है। विरोधी दल के नेता भी दबे जुबान हीं लेकिन राहुल गांधी की तारीफ करने से नहीं हिचकते। राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। राहुल गांधी जहां भी गये वहां वे बहुत अधिक शब्दों को प्रयोग नहीं किये। लेकिन जितना हीं उन्होंने कहा वह इतना प्रभावी रहा कि सभी उनके कायल हो रहे हैं।

दुमका के एक रवानी परिवार ने कहा कि राहुल गांधी में वह दमखम और जोश दिखता है जो सही मायने में वे अपने देश के लिये कुछ करना चाहते हैं। उन्हें सलाम है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी जब झारखंड पहुंचे तो उनके साथ झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू, केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और विधायक दल के नेता के अलाव और भी कई लोग मौजूद थे।