Tuesday, October 27, 2009

छत्रधर महतो को छुड़ाने के लिये राजधानी एक्सप्रेस हाईजेक

पीसीपीए(People's committee against police atrocities ) के नेता छत्रधर महतो को जेल से छोडने की मांग को लेकर माओवादियों ने भूवनेश्लर से दिल्ली आ रही राजधानी एक्सप्रेस को अगवा कर लिया था जिसे चार-पांच घंटे बाद सीआरपीएफ के जवानो ने छुडवाया। इस दौरान किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

दिन में साढ़े तीन बजे पश्चिम बंगाल के झारग्राम इलाके के बांसतला में माओवादियों ने लाल झंडा दिखा कर राजधानी एक्सप्रेस को रुकवा दिया था। ड्राइवर ने लाल झंडा देख गाड़ी रोक दी। इसके बाद माओवादियों ने ट्रेन के ड्राइवर तथा असिस्टेंट ड्राइवर को अपने कब्जे में कर लिया था। उन्हें छुड़ाने गए सीआरपीएफ के जवानों के साथ माओवादियों की झड़प भी हुई। सीआरपीएफ के जवानों ने माओवादियों को मौके वारदात से छुडाकर ट्रेन और ट्रेन के ड्राईवर को अपने संरक्षण में ले लिया।

देश के गृहमंत्री ने कहा है कि ट्रेन को सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया। सभी यात्री सुरक्षित है। लेकिन सवाल उठता है कि इस नक्सल समस्याओं से कैसे निपटा जाये। यदि सरकार सिर्फ कंमाडो के बल पर नक्सलियों को खत्म करना चाहती है तो यह संभव नहीं दिखता। केंद्र और राज्य सरकारों को आम जनता की समस्याओं को समझना होगा। उनके लिये सरकारें जो बजट पास करती है उन्हें विकास के काम लगना होगा नहीं तो आने वाले दिनों में हालात और भी खराब होते जायेगें। पुलिस-प्रशासन को समझना होगा कि आम आदमी को न्याय कैसे दिलायें।

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