काफी लंबे समय बाद रुस ने सामरिक दुनियां में ज़बरदस्त का धमाका किया है। रुस ने अब तक का सबसे शक्तिशाली गैरपरमाणुविक बम का सफल परीक्षण करने का दावा किया। सात टन वजन वाले इस बम से विस्फोट होते हीं जबरदस्त आग का गोला पैदा होता है।बताया जाता है कि यह बम हवा में मौजूद वायू को ही विस्फोट के लिये ईधन के रुप में इस्तेमाल करता है। इस बम का इस्तेमाल आकाश और ज़मीन दोनों जगहो से किया जा सकता है। इस बम की खासियत यह है कि इसकी तबाही क्षमता परमाणु बम के बराबर है लेकिन पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। इस शक्तिशाली बम का परीक्षण रुस के टेलीविज़न पर प्रसारित किया गया। विस्फोट के बाद रुस ने कहा है कि इस परीक्षण से किसी संधी का उल्लघंन नहीं होगा और न हीं हथियारों के होड़ को बढावा मिलेगा।
अमेरिका के ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ से यह बम चार गुना अधिक ताकतवर है। रुस ने इस बम को “डैड ऑफ ऑल बम्स” कहा है।.विश्लेषक मानते हैं कि रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस बम विस्फोट के ज़रिए दुनिया में अपनी सैन्य शक्ति को एक बार फिर स्थापित करने की कोशिश की है।
अमेरिका के ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ से यह बम चार गुना अधिक ताकतवर है। रुस ने इस बम को “डैड ऑफ ऑल बम्स” कहा है।.विश्लेषक मानते हैं कि रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस बम विस्फोट के ज़रिए दुनिया में अपनी सैन्य शक्ति को एक बार फिर स्थापित करने की कोशिश की है।
1 comment:
अमेरिका ने भारत के साथ नौसेना के युद्ध का अभ्यास किया तो रूस भारत के साथ आतंकवाद से लड़ने का अभ्यास कर रहा है। आप खुद ही समझ सकते हैं कि किसका रवैया ज्यादा मौजू से लड़ने का है और कौन पूरी दुनिया को युद्धभूमि बनाना चाहता है। मैं रूस की तारीफ नहीं कर रहा, बस भारत के संदर्भ में अमेरिका के साथ उसकी तुलना कर रहा हूं।
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