Sunday, August 3, 2008

क्या शिबू सोरेन झारखंड का मुख्यमंत्री बन पायेंगे ?

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन(गुरूजी) केन्द्र में मंत्री बनेंगे या झारखंड का मुख्यमंत्री इसको लेकर यूपीए नेताओं में विचार मंथन जारी है। गुरूजी कोयला मंत्री थे। उन्हें अपने सचिव झा की हत्या में शामिल होने के मामले में सजा हुई थी और इस्तीफा देना पड़ा था लेकिन बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि केन्द्र में उन्हें मंत्री बनाया जायेगा लेकिन नहीं बनाया गया।

बहरहाल राजनीति का अपना ही रंग है। परमाणु करार मामले को लेकर वामपंथी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने से अल्पमत में आई प्रधानमंत्री मनमोहन की सरकार को बचाने के लिये एक-एक वोट की जरूरत थी। ऐसे में गुरूजी ने चुपी साध ली। फिर उन्हें मनाया गया और उनकी पार्टी से दो लोगों को केन्द्र में मंत्री बनाने का वायदा किया गया। इसके बाद गुरूजी ने फैसला किया कि वे यूपीए के पक्ष में मतदान करेंगे।

अब गुरूजी कह रहे हैं कि वे केन्द्र की नहीं राज्य की राजनीति करना चाहते हैं। उनके समर्थक कह रहें हैं कि गुरूजी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिये। गुरूजी के राज्य की राजनीति का अर्थ भी यही है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाये।

यूपीए में चर्चा है कि गुरूजी को मुख्यमंत्री बनाने पर, राज्य की सरकार जा भी सकती है। क्या सभी विधायक गुरूजी को मुख्यमंत्री मानने के लिये तैयार हैं? निर्दलीय विधायक गुरूजी के मुख्यमंत्री बनने पर समर्थन नहीं भी कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि गुरूजी हीं सिर्फ दबाब की राजनीति नहीं कर सकते और लोग भी कर सकते हैं। इस तरह की चर्चाओं से यूपीए ने सहमें हुए हैं कि कहीं झारखंड की सरकार चली न जाये।

चर्चा है कि यदि गूरूजी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वे भाजपा के साथ जा सकते हैं। इस पर कांग्रेस के एक लोकल नेता ने कहा कि ऐसा गुरूजी नहीं करेंगे। यदि ऐसा करते हैं तो दोनो को हीं नुकसान होगा और बड़ा नुकसान गुरूजी का ही होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आखिर भाजपा के अन्य नेता गुरूजी को मुख्यमंत्री क्यों मानेंगे? यदि केन्द्रीय नेताओं के दबाव में मान भी लेते हैं तो आने वाले दिनों में भाजपा और झामुमो में एक टूट और हो सकती है। गुरूजी झारखंड के एक जाने माने नेता जरूरू हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि उनके बिना कुछ नहीं हो सकता।

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