देश के कई राज्यों में फैले नस्कलवादियों से मुकाबला करने के लिये केन्द्र सरकार ने कोबरा (कॉम्बैट बटालियन रेजन्यूट एक्शन) नामक एक विशेष सुरक्षा बल गठन करने को हरि झंडी दे दी है। इसमें दस बटालियन होंगे और हर बटालियन में एक हजार जवान होंगे। यानी कोबरा में कुल दस हजार जवान होंगे।
‘कोबरा’ के गठन पर लगभग 14 सौ करोड़ रूपए की लागत आयेगी। इस पर केन्द्र सरकार पिछले कई महिनों से विचार विमर्श कर रही थी। बताया गया है कि ‘कोबरा’ के गठन के कुल बजट का लगभग 900 करोड़ रुपए ज़मीन ख़रीदने और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास पर ख़र्च किए जाएँगे। जबकि लगभग 400 करोड़ रुपए जवानों के प्रशिक्षण पर ख़र्च किए जाएँगे।.
बहरहाल जब तक कोबरा की टीम तैयार नहीं हो जाती है तब तक सीआरपीएफ़ की दस बटालियनें सुरक्षा व्यवस्था में लगी रहेगी. आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी के दुर्गा प्रसाद को को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें नक्सलवादियों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने का सफल अनुभव है। मुख्य रूप से जो राज्य प्रभावित हैं उनमें झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छतिसगढ, आंध्र प्रदेश, उड़िसा, महाराष्ट्र हैं।
अभियान के दौरान कोबरा के कमांडों को यह भी सिखाना चाहिये कि कोई निर्दोष न मारा जाये। आम तौर पर देखा यही गया है कि नक्सवाद के सफाई अभियान के नाम पर निर्दोष ग्रामिण को मार गिराया गया है।
Friday, August 29, 2008
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