Wednesday, December 30, 2009

शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, बीजेपी में नाराजगी, सरकार के भविष्य को लेकर सवाल।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के (झामुमो) अध्यक्ष शिबू सोरेन ने आज तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद शपथ ली। उनके साथ बीजेपी के रघुवर दास और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन(आजसू) के अध्यक्ष सुदेश महतो ने भी मंत्री पद की शपथ ली। ये दोनों हीं राज्य के उप मुख्यमंत्री बने।

आज राज्य के राज्यपाल के शंकर नारायणन ने झामुमो नेता शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री पद और गोपनियता की शपथ दिलायी। इनके अलावा आजसू नेता सुदेश महतो और बीजेपी नेता रघुवर दास को भी मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। दोनो हीं नेताओं को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है।

कुल 12 लोगों को मंत्री बनाया जाना है। किसे मंत्री बनाया जायेगा और किसे नहीं इसका फैसला विश्वासमत प्राप्त के बाद ही किया जायेगा। 7 जवनरी को विश्वासमत प्राप्त करने की संभावना है। गुरूजी के पास 81 विधान सभा सीटों में 45 विधायकों का समर्थन हासिल है। इनमें झामुमो के 18, बीजेपी के 18, आजसू के 5, जदयू के 2 और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।


झारखंड सरकार के गठन को लेकर बीजेपी में असंतोष

बीजेपी के समर्थन से बनने वाली शिबू सोरेन सरकार के भविष्य को लेकर अभी से हीं चर्चाएं शुरू हो गई है। शपथ समारोह में बीजेपी संगठन से जुड़े कोई भी कदावर नेता शामिल नहीं हुआ। बीजेपी के जो बड़े चेहरे हैं जैसे बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के अलावा अन्य केंद्रीय नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी, वैंक्कया नायडू, अरूण जेटली, सुषमा स्वराज जैसे दिग्गज शामिल नहीं हुए। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के शिबू सोरेन के समर्थन में सरकार बनाने के फैसले को लेकर बीजेपी में अंसतोष साफ दिख रहा है।

पार्टी विधायकों का रूख क्या होगा। इसको भी लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। शायद इसीलिये विश्लास मत प्राप्त करने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार करने का फैसला किया गया है।

शपथ समरोह में बीजेपी के जो लोग शामिल हुए उनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, छतिसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी शामिल थे।

28 दिसंबर को हीं बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढी ने झामुमो नेता शिबू सोरेन के खिलाफ कड़ा बयान दिया था। बाद में वे अपने बयान को व्यक्तिगत बताया और बतौर प्रवक्ता उन्होंने कहा कि वे पार्टी फैसले के साथ हैं। दबे जुबान इस प्रकार के बयान लगातार आ रहे हैं। बीजेपी छोड चुके गोविंदाचार्य ने भी बीजेपी द्वारा झामुमो नेता शिबू सोरेन को समर्थन देने पर आलोचना की।

बहरहाल, बीजेपी में शिबू सोरेन को लेकर मतभेद के बीच शपथ समारोह तो संपन्न हो गया लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि बीजेपी झामुमो नेता शिबू सोरेन को कब तक समर्थन देगी ?

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