19 जून 1970 को नई दिल्ली में जन्मे राहुल गांधी ने कम हीं उम्र में भारत की राजनीति में एक मिसाल कायम कर दिया है। उन्होंने वह कर दिखाया जो आज तक देश के इतिहास में किसी राष्ट्रीय नेता ने नहीं किया। अब वह दिन दूर नहीं जब लोग यह कहेंगे कि देश की आइरन लेडी इंदिरा गांधी राहुल गांधी की दादी थी। देश के विकास पुरूष के नाम से जाने जाने वाले राजीव गांधी राहुल गांधी के पिता थे। कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष और दुनियां की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक सोनिया गांधी राहुल गांधी की मां है। यानी परिवार की बड़ी हस्तियां राहुल गांधी के नाम से जाने जायेंगे। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों ?
राहुल गांधी न तो कोई राष्ट्रपति हैं और न हीं प्रधानमंत्री फिर भी देश के धरोहर हैं। व्यक्तिगत तौर पर राहुल गांधी से अधिक लोकप्रिय देश का कोई नेता नहीं है। क्योंकि देश की राजनीति में राहुल गांधी ने वो मिसाल कायम कर दिया है अपने व्यवहार से जिसे आज तक किसी ने नहीं किया था, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को छोड़कर। राहुल गांधी विकास के मोर्चे पर उल्लेखनिय योगदान तो दे ही रहे हैं लेकिन साथ हीं उन्होंने जो सकारात्मक राजनीति की शुरूआत की है उससे काम नहीं करने वाले और सिर्फ दूसरों को गाली देने और दूसरों की गलतियां निकाल कर अपनी राजनीति चमकाने वाले नेताओं के होश उड़ गये हैं।
राहुल गांधी की राजनीति से उच्च वर्ग की राजनीति करने वाले बीजेपी, पिछड़ो की राजनीति करने वाले सपा, राजद और दलितों की राजनीति करने वाले बसपा और लोजपा सभी पार्टियों के होश उड गये हैं। समाज के सबसे कमजोर पायदान पर जीवन यापन करने वाले गरीब व दलित-आदिवासी समाज के यहां जाकर, उनके यहां भोजनकर , रात बिताकर, परिश्रम के कामों में तपती धूप में योगदान कर उन्होंने जहां स्वर्ण समाज को लज्जित किया और एक नई राह दिखाई कि सामज को जोड़ो। तोड़ो नहीं। वहीं पिछडे-दलित-आदिवासी समाज की राजनीति करने वाले नेताओं को भी जता दिया कि राजनीति तोडकर नहीं जोड़कर की जाती है।
राहुल के कदम का काट किसी के पास नहीं है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने यहां तक आरोप लगा दिया कि राहुल गांधी गरीबो के यहां खाना खा कर नहाते हैं। दरअसल मायावती राहुल गांधी के सकारात्मक राजनीति से डर गयी।
बहरहाल, राहुल गांधी देश के किसी भी कोने से चुनाव लड़े वो जीत जायेंगे लेकिन आज के तारीख में उन्हें अपनी पार्टी कांग्रेस के लिये काफी मेहनत करनी होगी क्योंकि कांग्रेस का हर उम्मीदवार राहुल गांधी नहीं हो सकता। और न है। वे अभी भी अपनी राजशाही जीवन शैली के लिये जाने जाते हैं। उनका व्यवहार क्रूर और घंमडी सांमती वाला है। ऐसे में राहुल गांधी की तरह कांग्रेस को भी समर्थन मिलेगा इसमें संदेह है।
Wednesday, December 30, 2009
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