Thursday, July 15, 2010

एक व्यंग्य - नितिन गडकरी ने हिंदी भाषी नेताओं को गाली देने में अपने दोस्त राज ठाकरे को भी पीछे छोड़ दिया।

महाराष्ट्र के दो नेता और दोनो हीं दोस्त हैं। और दोनो हीं अपने-अपने पार्टी के अध्यक्ष हैं। आप समझे क्या कि ये कौन हैं? ये हैं बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और एमएनएस के अध्यक्ष राज ठाकरे।


लोग मजाक करने लगे हैं कि दोनों दोस्तों में एक बार बाजी लगा था कि उत्तर भारतीयों को कौन अधिक से अधिक गाली दे सकता है। इस मामले में शुरू शूरू में एमएनएस नेता राज ठाकरे ने नितिन गडकरी को काफी पीछे छोड दिया। देश भर में हंगामा हुआ। महाराष्ट्र के कई इलाकों में उत्तर भारतीयों की जमकर पीटाई हुई। राज ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी से लेकर राजद नेता लालू यादव और सपा नेता मुलायम सिंह और तत्कालीन सपा नेता अमर सिंह को खूब खरी खोटी सुनाई। नकारात्मक प्रचार को लेकर राज चर्चित हो गये।


यही बात राज ठाकरे के मित्र नितिन गडकरी को खल गया कि मैं उनसे कैसे पीछे हो गया। फिर उन्होंने चाल चली बीजेपी के नेतृत्व स्तर की आपसी लड़ाई का फायदा उठातचे हुए आरएसएस की मदद से बीजेपी के अध्यक्ष हो गये। फिर उन्होंने पंजाब में राजद अध्यक्ष लालू यादव और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ खूब खरी खोटी सुनाया। यहां तक कहा गया कि वे कांग्रेस के तलवे चाटने वाले हैं लेकिन फिर वे थोड़ा डर गये। क्योंकि नितिन गडकरी को महाराष्ट्र के बाहर की राजनीति करनी थी वहां उनकी पीटाई होने की गुजाइंश थी इसलिये उन्होंने माफी मांग ली।


फिर कुछ समय बाद कांग्रेस के खिलाफ बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस अफजल गुरू का जमाई है। क्या कांग्रेस वालों ने अपनी बेटी दी रखी है अफजल गुरू को। एक अन्य सभा में उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह को औरंगजेब की औलाद कह दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिये वे माफी नहीं मांगेगे। उनके इस बयान से नितिन का सीना चौड़ा हो गया। उसने राज ठाकरे को मुंह चिढाने वाला कारनामा कर दिखाय था। यानी राज ठाकरे ने जो भी दुषित बयान दिया वो महाराष्ट्र में दिया जहां वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं नितिन गडकरी ने उतर भारत के गढ में घुस कर उत्तर भारतीय नेताओं को गाली दी। यहां पर वे उत्तर भारतीयों को गाली देने में राज को भी पीछे छोड़ दिया।

नितिन गडकरी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को भी गाली देकर अपना कॉलर टाईट कर रहे थे क्योंकि राज ठाकरे ने भी मध्य प्रदेश के नेताओं को गाली नहीं दे पाये थे क्योंकि मध्यप्रदेश में मराठी बड़ी संख्या में रहते हैं। और राज का पूर्वज भी मध्य प्रदेश में रहते थे।


बहरहाल यह तो मानना पड़ेगा कि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने हिंदी भाषी नेताओं को गाली देने में एमएनएस नेता राज ठाकरे को भी पीछे छोड़ दिया।

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