Sunday, November 1, 2009

भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं

झारखंड को वहां के नेता और अफसर अपना चारागाह बना चुके है। लाखों नहीं हजारों करोड़ के घपले किये जा रहे हैं। इस सिलसिले में आयकर विभाग ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और उसके सहयोगी विनोद सिन्हा, अरूण श्रीवास्तव, भीम सिंह, प्रमोद सिंह, एम एन पाल, देवेंद्र सहित दर्जनों लोगों के यहां छापे मारे।

रांची से लेकर मुंबई-दिल्ली, जमशेदपुर, चाईबासा, नाशिक, कोलकाता और लखनऊ स्थित इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनलोगों पर आय से ज्यादा धन इकठ्ठा करने का है। यह मामला हजार करोड से उपर के घोटाले का है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जिस तरह से आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने तथा सरकारी धन का दुरूपयोग करने एवं विदेश में खदान खरीदने के मामले में कानून के शिकंजे में आ गये हैं उससे यह प्रतीत होता है कि वह पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जा सकते हैं। मधुकोडा को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। वे सांसद हैं इसलिये संसद इजाजत लेनी होगी जिसकी प्रक्रिया चल रही है।

सिर्फ आयकर विभाग हीं नहीं बल्कि प्रवर्तन निदेशालय ने भी मधु कोड़ा के खिलाफ सरकारी धन का दुरूपयोग करने तथा लाइब्रेरिया में माइंस खरीदने के मामले में उनपर कानूनी शिकंजा कस दिया। मधु कोड़ा के अलावा उनके कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे कमलेश सिंह, भानु प्रताप शाही एवं बंधु तिर्की पर भी धीरे-धीरे कानून का शिकंजा कस रहा है।

आरोप है कि मधु कोड़ा ने लाइब्रेरिया में 1.7 मिलियन डालर की माइंस खरीदा (7.8 करोड़) मधु कोड़ा पर कभी ट्रैक्टर चालक रहे उनके मित्र बिनोद सिन्हा के नाम पर सम्पत्ति खरीदने का भी आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि विनोद सिन्हा के दो सौ करोड़ रुपए की सम्पत्ति अर्जित की है। इस मैकेनिक की एक आयरन स्पंज मिल भी है जो चांडिल में अवस्थित है। इसकी कीमत 18 करोड़ रुपए है। विनोद सिन्हा की 13 करोड़ की एक रॉलिंग मिल भी है। यह बहुत कम लोगों को जानकारी है कि कोड़ा ने मुख्यमंत्री पद से हटने के एक दिन पहले चिरिया माइंस के संबंध में आदेश पारित किये जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया। कोड़ा के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी यह तो भविष्य ही बतायेगा। परन्तु इतना तय है कि यहां कोई भी राजनीतिक ग्रुप पाक साफ नहीं है। झारखंड कुछ राज्यों में से एक है जहां राज्यपाल की सलाह के लिए नियुक्त राज्य अधिकारी को गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में प्रतिदिन नये राज खुलते नजर आ रहे हैं। संभवान है कि इस मामले में राजनीतिज्ञ के अलावा कई अधिकारी और पत्रकार भी लपेटे में आने वाले हैं।

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