Sunday, November 15, 2009

झारखंड दिवस के मौके पर दो शब्द

झारखंड की स्थापना दिवस पर मैंने दो पंक्तियां लिखी है शायद आपको पंसद आये। मैं जानता हूं कि झारखंड में इन दिनों चुनाव का महौल है और भ्रष्टाचार का बोलबाला। यही दो बातें समाचार के सुर्खियों में है। लेकिन मुझे विश्वास है कि झारखंड जल्द हीं भ्रष्टाचार से मुक्त हो जायेगा। और विकास की गति मे तेजी आयेगी। झारखंड दिवस आपको मुबारक हो

श्रमिकों और किसानो.... की भूमि है झारखंड
करते हैं कठोर मेहनत कारखानों में, खेतों में
रहते हैं अंधेरों में लेकिन करते हैं दुनिया को रोशन।

घबराओ नहीं होने वाला है उजाला
यूरेनियम, कोयला, लौह, अबरख ....
और अब मिथेन गैस की चमक है
साथ में है हरेभरे जंगल और लहलहाते खेत।

कस लो कमर
और लगे रहो
देश को श्रेष्ठतर बनाने में ।
जरूरत है योजनाबद्ध शिक्षा, विकास
और सही दिशा में सोच की।

यदि कुछ कर गुजरने की तमन्ना है
तो जागो, उठो, संकोच छोड़ो
और उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पनाओं के लिए
ईमानदार कोशिश करो।
बस जरूरत है उस ईमान की
जो देश को कर सके रोशन।

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