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तमाड़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा और यूपीए उम्मीदवार शिबू सोरेन का हारना तय माना जा रहा था और वे हार गये। तमाड विधान सभा के उपचुनाव लड़ रहे शिबू सोरेन के पक्ष में सिर्फ एक ही बात थी कि वे राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इसके अलाव उनके पक्ष में और कुछ भी नहीं था। श्री सोरेन चुनाव क्यों हारे ? – 1.तमाड़ विधान सभा क्षेत्र शिबू सोरेन का गढ कभी नहीं रहा। 2. यह गढ था झारखंड पार्टी का। शिबू सरकार में मंत्री रहे एनोस एक्का ने शिबू सोरेन को समर्थन देने के वजाय अपना प्रत्याशी उतारा राज पीटर को और राजा पीटर विजयी हुए। 3. शिबू सोरेन जिस प्रकार से मधु कोडा को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिये दबाव डाले और खुद मुख्यमंत्री बने इससे यूपीए के लोग ही नाराज थे। 4. जनता दल यूनाइटेड के विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्य़ा के बाद हीं यह सीट खाली हुआ था और एनडीए ने उम्मीदवार बनाया रमेश सिंह मुंडा की पत्नी वंसुधरा मुंडा को लेकिन एनडीए उम्मीदवार वंसुधरा हार गयी।
बहरहाल, गुरूजी चुनाव हार गये हैं। ऐसे में अधिक संभावना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाय।
4 comments:
चलो अच्छा हुआ, कुछ समय के लिये ही सही… एक खलनायक से निजात मिली…
लम्बे समय बाद जनता ने एक काम तो समझदारी का किया ।
aapane sahee likhaa hai, jantaa ne bataa diyaa hai ki 'ye publik hai sab jaanatee hai'
surendra
लम्बे समय बाद जनता ने एक काम तो समझदारी का किया ।
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