Tuesday, January 6, 2009

शिबू सोरेन हारे तो झारखंड में राष्ट्रपति शासन

तमाड़ विधान सभा का उपचुनाव 5 जनवरी को शांति पूर्वक संपन्न हो गया। यह चुनाव सुर्खियों में रहा और अब सबकी नजर 8 जनवरी को होने वाली वोटो की गिनती पर टीकी है। चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन विजयी होते हैं या नहीं, इसी पर सबकी नजर है। यदि शिबू सोरेन चुनाव हारते हैं तो राज्य की राजनीति में उथल-पुथल तय माना जा रहा है।

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला यूपीए उम्मीदवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन, राजग उम्मीदवार और जनता दल यूनाईटेड की वंसुधरा मुंडा, झारखंड पार्टी के राजा पीटर और आजसू के उम्मीदवार विजय सिंह मानकी के बीच हुए । विजय सिंह मानकी विजयी दौड़ में तो नहीं हैं लेकिन उनके पक्ष में मतदान जरूर पड़े। वंसुधरा मुंडा, रमेश सिंह मुंडा की पत्नी है। रमेश मुंडा तमाड से हीं विधायक थे। इनकी हत्या के बाद यह सीट खाली हुआ था। यह टक्कर में जरूर है लेकिन चुनाव के बाद जो खबरे आ रहीं हैं उसके अनुसार मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और झारखंड पार्टी के राजा पीटर के बीच है।

तमाड़ विधान सभा सीट के सभी 247 बूथों पर सुरक्षा के तगड़े इतजाम किये गये थे। इनमें से 180 बूथ को अतिसंवेदनशील और 67 सीटों को संवेदनशील घोषित किया गया था। लेकिन मतदान शांतिपूर्ण रहा। 1 लाख 59 हजार मतदाताओं वाले विधान सभा सीट के लिये हो रहे चुनाव में लगभग 58 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया।

बहरहाल, आठ जनवरी को ही मालूम चल पायेगा कि झामुमो नेता शिबू सोरेन यानी गुरूजी मुख्यमंत्री पद पर बने रहेगें या नहीं। ऐसे आमधारणा यही है कि वर्तमान मुख्यमंत्री उपचुनाव में नहीं हारते लेकिन यह राजनीति है। यदि गुरूजी चुनाव जीतते हैं तो सरकार चलती रहेगी और हारते हैं तो अधिक संभावना यही है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर नये सिरे से चुनाव कराये जायेंगे। क्योंकि यहां कि राजनीति काफी उठापटक की दौर से गुजर रही है।

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