निर्मल तिवारी -
राजेश जी क्या आप मेरे विचार को प्रकाशित करेंगे। ऐसा इसलिए लिख रहां हूं क्योकि मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत नहीं हूं। झारखंड में भाजपा का वर्चस्व रहा है। आज भी इसकी जडे मजबूत है। आज की तारीख में भले हीं एक भी भाजपा का सांसद नहीं है झारखंड से। इसका मतलब यह नहीं है कि झारखंड भाजपा में नेतृत्व की कमी है। यहां पर देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, राम टहल चौधरी, कडिया मुंडा आदि कई नेता हैं। जो नेतृत्व दे रहे हैं झारखंड भाजपा को। झारखंड के पार्टी अध्यक्ष पशुपति नाथ सिंह भी है। ये लोग भाजपा के पुराने नेता हैं। इनका पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान है। आप इन्हें कम कर नहीं आंक सकते।
इसका मतलब यह नहीं हैं मैं राजकिशोर महतो को कमजोर बता रहा हूं। मैं आपके कई बातों से सहमत नहीं हूं यह अलग बात है। लेकिन इतना मानता हूं कि राजकिशोर महतो एक अच्छे नेता है। विद्वान भी हैं। देश के जाने माने इंजीनियरिंग कॉलेज ‘इंडियन स्कूल माइन्स’ से डिग्री लेने के बाद उन्होंने वकालत की, सरकारी वकील भी रहे। वकालत की दुनियां में शानदार नाम होने की वजह से उनका नाम जज के लिए सिफारिश किया गया था लेकिन उनके पिता विनोद बिहारी महतो के निधन के बाद उन्हें राजनीति में कदम रखना पड़ा।
हां इतना जरूर कह सकता हूं कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा छोड़ने से जो नुकसान भाजपा को हुआ है वो पूरा हो सकता है श्री महतो के मार्फत। जहां तक मेरा व्यक्तिगत विचार है राजकिशोर जी के बारे में, तो मैं यह कह सकता हूं कि पार्टी संगठन में यदि राजकिशोर जी ठीक ठाक काम कर सकते हैं तो वे बतौर मंत्री बेहद अच्छे तरीके से काम कर सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है भाजपा आलाकमान लाल कृष्ण आडवाणी जी पूरी तरह राजकिशोर महतो के हाथों कमान नहीं देंगे। हां इतना मान सकता हूं कि उन्हें संसदीय चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे सकते हैं चाहे वह गिरिडीह हो या धनबाद या अन्य। ( निर्मल तिवारी, पूर्व छात्र, पी के राय कॉलेज)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment