झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू है। वहां विधान सभा चुनाव कब होंगे ? इसका जवाब कांग्रेस पार्टी को छोड़ कोई नहीं जानता। चुनाव नहीं कराये जाने के विरोध में बीजेपी के सारे विधायक विरोध स्वरूप त्यागपत्र भी दे चुके हैं। देश भर में ब्लैक डायमंड कैपिटल के नाम से मशहूर धनबाद जिले के सिंद्री विधान सभा से बीजेपी विधायक राजकिशोर महतो ने झारखंड में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है। श्री महतो ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के बहाने कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार को बढावा दे रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान किस प्रकार की लूट मची है यह किसी से छिपा नही है।
राजकिशोर महतो ने यह भी कहा कि चुनाव नहीं कराने के पीछे कांग्रेस का डर है। क्योकिं राष्ट्रपति शासन पूरी तरह कांग्रेस के कमान में है। और राज्य के राज्यपाल रह चुके सिब्ते रजी के कार्यकाल में किस प्रकार की लूट खसोट हुई इससे कांग्रेस की बड़ी फजीहत हुई है। इतना हीं नहीं नरेगा के तहत झारखंड को मिलने वाली एक हजार करोड़ रूपये भी वापस कर दिय गये।
श्री महतो ने आरोप लगाया कि झारखंड में सब कुछ है लेकिन यहां एक साजिश के तहत झारखंड को पनपने नहीं दिया जा रहा है। ये सब कुछ बहुत दिनों तक चलने वाला नहीं है। कबतक झारखंड की जनता को लुटा जाता रहेगा। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में जोरदार आंदोलन होगा। यह आंदोलन इतना जोरदार होगा जिसकी कल्पना केंद्र सरकार ने नहीं की होगी।
झारखंड के ताकतवर नेता माने जाने वाले श्री महतो ने कहा कि यदि झारखंड और यहां के लोगों के साथ न्याय नहीं किया गया और विकास के काम अडेंगे लगाये गये तो आर्थिक नाकेबंदी जैसी हालात पैदा कर दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में बाबूओं की सरकार हो गई है। कोई किसी की सुनता हीं नहीं है। इस तरह कब तक चलेगा। लोकतंत्र को दबाना किसी केंद्रीय सरकार की सेहत के लिये अच्छा नहीं होगा।
विधायक महतो ने कहा कि कांग्रेस यह हीं नहीं समझ पा रही है कि झारखंड में वह अकेले चुनाव लड़े या सहयोगी दलों के साथ। यदि वह झामुमो से तालमेल करती है तो मुख्यमंत्री का पद झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को देना होगा या उनके बेटे हेमंत सोरेन को। अकेले लडती है तो कितने सीटें मिलेंगी कहना मुश्किल है। राजद के साथ उनका छतीस का आंकड़ा हो चुका है। यदि झारखंड में राजद को साथ रखती है तो केंद्र में जगह देनी होगी। श्री महतो ने कहा कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस गठबंधन के निष्कर्ष निकालने पर लगी हुई है और राष्ट्रपति शासन के दौरान हो रहे भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश के तहत हीं जानबूझ कर झारखंड में चुनाव कराने से बच रही है। लेकिन कब तक।
Monday, September 14, 2009
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