Thursday, November 20, 2008

शहीद अलबर्ट एक्का के परिवार पर जमींदारों का हमला

परमवीर चक्र से सम्मानित अलबर्ट एक्का के परिवार वालों की फसल जमीदारों ने इस वर्ष भी काट ली है। पिछले वर्ष भी दबंगों ने फसल काट ली थी। झारखंड सरकार और वहां की पुलिस भी जमींदारों का ही साथ दे रही है। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्द में वीरता की मिसाल कायम करते हुए अलबर्ट एक्का ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये थे और लडते लडते शहीद हो गये।

इसी शहीद के परिवार पर जुल्म ढाये जा रहें हैं और पुलिस-प्रशासन चुप है। हथियारो से लैश मेघनाथ सिंह, चैतू सिंह, महेश्वर सिंह, केश्वर सिंह और भानू सिंह ने शहीद अलबर्ट एक्का की विधवा बलमदीना एक्का, पुत्र विन्सेंट एक्का और पुत्र वधू रजनी एक्का को भद्दी भद्दी गाली दी और जान से मार देने की धमकी देकर खेतों से भगा दिया। ये सब कुछ गमुला जिले में 15 नवंबर को हुआ। 15 नवंबर को जब झारखंड राज्य की आठवीं वर्षगांठ मनाने में झारखंड के नेता जहां एक ओर मशगुल थे वहीं दूसरी ओर दर्जनों गुंडों के बल पर मेघनाथ सिंह ने शहीद अलबर्ट एक्का की पूरी फसल काट ली।

इस मामले के खिलाफ जब शहीद एक्का के परिवार वाले जब थाने पहुंच तो पुलिस वालों ने कोई मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। बाद में गुमला न्यायलय में केस दर्ज कर कोर्ट से रक्षा की गुहार की है। गुमला के जमींदार एक्का परिवार की जमीन हडपने पर लगी हुई है।

2 comments:

ghughutibasuti said...

बहुत दुख की बात है ।
घुघूती बासूती

subhash Bhadauria said...

एन.सी.सी.अफ़्सर ट्रेनिंग स्कूल कामटी (नागपुर) पता चला था कि परमवीर चक्र से सम्मानित अलबर्ट एका गार्ड ब्रिगेड से के ज़ाबाज़ सिपाही थे.पाकिस्तानी फौज़ के सामने उन्होंने अपनी शूरवीरता दिखाते हुए शहादत हांसिल की थी.कामटी में अलबर्ट एका की याद में उनके युद्ध समय की सारी ड्रिल का रिहर्सल किया जाता है उन्हें भारी सम्मान के साथ सेना के तमाम रेंक श्रद्धांजली देते हैं.आपने उनके परिवार पर किये जा रहे ज़ुल्म को बता कर काफी वेदना से भर दिया.
एक शायर का इसी हालात की ओर इशारा करता शेर याद आगया-
मेरे बच्चों के आँसू पोछ देना,
लिफाफे का टिकट ज़ारी न करना.
नंपुसक प्रशासन की बदमाशियों को अच्छी तरह जानता हूँ सब मिल कर लूट रहे हैं कमबख़्त.
कम से कम शहीदों को तो बख़्श दें.