झारखंड मु्क्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन इन दिनों खासे परेशान हैं क्योंकि उन्हें केन्द्र में मंत्री नहीं बनाया गया। नौबत यहां तक आ गई है कि झामुमो कभी भी यूपीए से अपना नाता तोड़ सकती है। विचार मंथन जारी है। हो सकता है कि झामुकी की 30 अप्रैल को होने वाली बैठक में कोई ठोस निर्णय ले लिया जाए।
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कहा कि आखिर शिबू सोरेन चाहते क्या हैं? पहले ये साफ करें। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कहा है कि मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। यदि झामुमो समर्थन वापस लेना चाहता है तो ले ले इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
शिबू सोरेन को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और झारखंड से मंत्री बनाया गया कांग्रेस के सांसद रामेश्वर उरांव को। रामेश्लर उरांव सांसद बनने से पहले आईपीएस अधिकारी थे। बतौर अधिकारी इनका शानदार रिकार्ड रहा है। ईमानदार और कर्मठ व्यक्तित्व के माने जाते हैं।
बहरहाल, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शिबू सोरोन को केन्द्र में मंत्री बनाया जाना तय था लेकिन राज्य सभा के चुनाव में जिस तरह का रवैया रहा उसे ध्यान में रख कर हीं शिबू सोरेन को मंत्री नहीं बनाया गया। यह भी कहा जा रहा है कि रामेश्वर उरांव की छवि काफी साप सुथरी रही है। इस लिए कांगेस ने झारखंड में रामेश्लर उरांव को प्रमुखता से सामने लाने की कोशिश कर रही है ताकि कांग्रेस अपनी जड़ झारखंड में और मजबूत कर सके। झारखंड के लोग रामेश्वर उरांव को भविष्य का मुख्यमंत्री मान रहे हैं ताकि झारखंड का सही तरीके से विकास हो सके।
Wednesday, April 9, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment