आईपीएल के मैच धूमधड़ाके शुरु होने से पहले मुकेश अंबानी ने अपनी टीम मुंबई इंडियन आईपीएल से जुडे खिलाडियों और अन्य लोगो को एक पार्टी दी। पार्टी की सबसे बड़ी खासियत थी सादगी और शालीनता। पार्टी में मुकेश अंबानी के परिवार सहित आये लोगो में कई महिलायें थी। लेकिन उन्हें देखकर लगा कि आज भी देश की संस्कृति और मान मर्यादा सुरक्षित है। पवित्र है। पश्चिम सभ्यता सार्वजनिक रुप से देश की सभ्यता को नहीं तोड़ पायेगी।
जिस प्रकार से आधुनिकता और स्वतंत्रता के नाम पर भड़कीली कपड़े पहनने का प्रचलन चल पड़ा है और टीवी के माध्यम से प्रचार हो रहा है उससे लगा था कि भारतीय समाज का पतन जल्द ही हो जायेगा। जो लोग जितने कम कपड़े पहन कर निकलते, लोग उसे आधुनिक मानने लगे थे। समाज को नेतृत्व देने वाले लोग जो करेंगे बाकि की जनता भी देर सबेरे उसी राह पर चल पड़ेगी। ऐसा हो भी रहा है।
मुकेश अंबानी के परिवार और उनके नेतृत्व में आये लोगो ने जिस शालिनता का परिचय दिया वह काबिले तारीफ है। क्योंकि मुकेश अंबानी ऐसे मुकाम पर हैं जो कुछ वह करेंगें उसे अपनाने वाल एक नया वर्ग तैयार होगा। कहा जाता है सही दिशा मिले तो पैसा कमाना कठीन नहीं है रोटी कपड़ा और मकान के लिए। लेकिन चरित्र निर्माण करना बहुत बड़ी बात है। आज मुकेश अंबानी दोनो का ही नेतृत्व कर रहें है। धन के मामले में मुकेश दुनियां के सर्वोच्च पंक्ति में है। यह सभी लोग जानते हैं। यह जानकर भी काफी खुशी हुई कि सभ्यता, संस्कृति, सादगी और शालीनता के मामले में भी मुकेश अंबानी दुनिया के सर्वोच्च पंक्ति में है।
इनके अलावा दर्जन भर के बड़े घराने हैं जो सादगी, शालीनता और संस्कृति को निभाने वाले हैं जिनमें टाट, बिड़ला परिवार भी शामिल है। अंबानी, टाटा और बिड़ला आदि परिवार के पार्टियों के विडियो क्लिप समय समय पर सामने आते रहने चाहिये ताकि सादगी, शालीनता और सभ्य तरीके से पहनावे को बढावा मिले। इससे समाज का विकास होना तय हैं। जो थोड़े लोग समाज में गंदगी फैला रहें हैं उनपर काबू पाया जा सकेगा।
Thursday, April 17, 2008
Wednesday, April 9, 2008
यूपीए से नाता तोड़ सकती है झामुमो
झारखंड मु्क्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन इन दिनों खासे परेशान हैं क्योंकि उन्हें केन्द्र में मंत्री नहीं बनाया गया। नौबत यहां तक आ गई है कि झामुमो कभी भी यूपीए से अपना नाता तोड़ सकती है। विचार मंथन जारी है। हो सकता है कि झामुकी की 30 अप्रैल को होने वाली बैठक में कोई ठोस निर्णय ले लिया जाए।
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कहा कि आखिर शिबू सोरेन चाहते क्या हैं? पहले ये साफ करें। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कहा है कि मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। यदि झामुमो समर्थन वापस लेना चाहता है तो ले ले इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
शिबू सोरेन को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और झारखंड से मंत्री बनाया गया कांग्रेस के सांसद रामेश्वर उरांव को। रामेश्लर उरांव सांसद बनने से पहले आईपीएस अधिकारी थे। बतौर अधिकारी इनका शानदार रिकार्ड रहा है। ईमानदार और कर्मठ व्यक्तित्व के माने जाते हैं।
बहरहाल, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शिबू सोरोन को केन्द्र में मंत्री बनाया जाना तय था लेकिन राज्य सभा के चुनाव में जिस तरह का रवैया रहा उसे ध्यान में रख कर हीं शिबू सोरेन को मंत्री नहीं बनाया गया। यह भी कहा जा रहा है कि रामेश्वर उरांव की छवि काफी साप सुथरी रही है। इस लिए कांगेस ने झारखंड में रामेश्लर उरांव को प्रमुखता से सामने लाने की कोशिश कर रही है ताकि कांग्रेस अपनी जड़ झारखंड में और मजबूत कर सके। झारखंड के लोग रामेश्वर उरांव को भविष्य का मुख्यमंत्री मान रहे हैं ताकि झारखंड का सही तरीके से विकास हो सके।
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कहा कि आखिर शिबू सोरेन चाहते क्या हैं? पहले ये साफ करें। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कहा है कि मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। यदि झामुमो समर्थन वापस लेना चाहता है तो ले ले इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
शिबू सोरेन को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और झारखंड से मंत्री बनाया गया कांग्रेस के सांसद रामेश्वर उरांव को। रामेश्लर उरांव सांसद बनने से पहले आईपीएस अधिकारी थे। बतौर अधिकारी इनका शानदार रिकार्ड रहा है। ईमानदार और कर्मठ व्यक्तित्व के माने जाते हैं।
बहरहाल, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शिबू सोरोन को केन्द्र में मंत्री बनाया जाना तय था लेकिन राज्य सभा के चुनाव में जिस तरह का रवैया रहा उसे ध्यान में रख कर हीं शिबू सोरेन को मंत्री नहीं बनाया गया। यह भी कहा जा रहा है कि रामेश्वर उरांव की छवि काफी साप सुथरी रही है। इस लिए कांगेस ने झारखंड में रामेश्लर उरांव को प्रमुखता से सामने लाने की कोशिश कर रही है ताकि कांग्रेस अपनी जड़ झारखंड में और मजबूत कर सके। झारखंड के लोग रामेश्वर उरांव को भविष्य का मुख्यमंत्री मान रहे हैं ताकि झारखंड का सही तरीके से विकास हो सके।
Monday, April 7, 2008
राहुल गांधी से घबरा गई है मायावती
कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी दलितों के घर जा कर भोजन करते हैं ये सब कुछ नाटक है। वे बाद में दिल्ली जाकर शुद्दिकरण करवाते हैं और विशेष साबून से नहाते हैं। ये कहना है उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का। ये सब उन्हें पता चला है सूत्रों के हवाले से।
दरअसल मायावती घबरा गयी हैं राहुल गांधी के प्रति उमड़ रहे लोगों की सहानुभूति से, वो भी दलित समाज के बीच। राहुल गांधी का दलित बस्ती में जाना, उनके घर सोना, उनके घर हीं भोजन करना और बच्चों को कंधों पर उठाकर खेलना ये सब कुछ मायावती को झकझोर कर रख दिया। मायावती को लगने लगा है कि राहुल गांधी बसपा के वोट बैंक में सेध लगा सकते हैं। राहुल के इस कदम को मायावती नाटक और वोट बैंक का खेल बता रहीं हैं।
यह सच है कि राहुल गांधी जो कुछ कर हैं उसके केन्द्र बिन्दु में आगामी लोक सभा चुनाव है। लेकिन राजनीति के लिए उन्होंने कोई मारकाट तो नहीं करवाया। उन्होंने जोड़ने का हीं काम किया है। इसके अलावा मंत्री पद ठुकरा कर राहुल ने जो वाहवाही लुटी है उससे भी मायावती घबरा गई हैं।
दरअसल मायावती घबरा गयी हैं राहुल गांधी के प्रति उमड़ रहे लोगों की सहानुभूति से, वो भी दलित समाज के बीच। राहुल गांधी का दलित बस्ती में जाना, उनके घर सोना, उनके घर हीं भोजन करना और बच्चों को कंधों पर उठाकर खेलना ये सब कुछ मायावती को झकझोर कर रख दिया। मायावती को लगने लगा है कि राहुल गांधी बसपा के वोट बैंक में सेध लगा सकते हैं। राहुल के इस कदम को मायावती नाटक और वोट बैंक का खेल बता रहीं हैं।
यह सच है कि राहुल गांधी जो कुछ कर हैं उसके केन्द्र बिन्दु में आगामी लोक सभा चुनाव है। लेकिन राजनीति के लिए उन्होंने कोई मारकाट तो नहीं करवाया। उन्होंने जोड़ने का हीं काम किया है। इसके अलावा मंत्री पद ठुकरा कर राहुल ने जो वाहवाही लुटी है उससे भी मायावती घबरा गई हैं।
Tuesday, April 1, 2008
तनुश्री पर नाज है झारखंड को
झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोडा ने कहा कि मनसे नेता राज ठाकरे ने फिल्म हीरोईन तनुश्री दत्ता के खिलाफ काम न देने के मसले पर जो पत्र लिखा है फिल्म प्रोड्यूसर को। वह घृणित काम है। मुख्यमंत्री कोडा ने कहा है कि तनुश्री दत्ता पर झारखंड को नाज हैं। कला को किसी सीमा में बांधने की कोशिश न करे। मुंबई किसी की जागिर नहीं है। पूरा झारखंड तनुश्री के साथ है।
फिल्म कलाकार नाना पाटेकर ने एक फिल्म में गाने की शुटिंग के दौरान अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। तनुश्री ने गाने की स्टेप बदलने की मांग की ताकि नाना पाटेकर की छेड़छाड़ से वे बच सके। इसी पर विवाद हुआ। क्षेत्रीय वाद की मानसीकता से ग्रस्त नाना पाटेकर के बारे में यह भी सुनने को मिला कि वे तनुश्री के गाल को बार बार छू छा कर रहे थे। यह सब तनुश्री को अच्छा नहीं लगा। बस किसी बहाने तनुश्री को फिल्म से हटा कर राखी सांवत को फिल्म में जगह दे दी गई।
मराठी मानुष के नाम पर राज ठाकरे ने भी नाना पाटेकर का साथ देते हुये तनुश्री को काम न देने के लिये फिल्म प्रोड्यूसरों को पत्र लिख भेजा। प्रांतवाद को लेकर कभी उत्तर भारतीय पर हमला तो कभी मारवाड़ी और जैन समाज की महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ और हमला, तो कभी गुजराती मुंबई छोड़ो के नारे। ये सब कब तक चलेगा। सरकार कब देश को तोड़ने वाली ताकत के खिलाफ कारवाई करेगी?
यदि देश के दूसरे राज्यों में भी प्रांतवाद को लेकर मारकाट शुरु हो गई तो देश का क्या होगा? गुजराती, मारवाड़ी और पंजाबी यूपी, झारखंड और बिहार में भरे पड़े हैं। हां इनके अपेक्षा मराठियों की संख्या कम है लेकिन है। इन्हें कभी दिक्कत नहीं हुआ। आम नागरिक को हीं आगे आना पडे़गा देश की सुरक्षा में। क्योंकि आज की दुनियां में सरदार बल्लभ भाई पटेल नहीं हैं जिन्होंने आजादी के बाद प्रांतवाद और राजशाही पर रोक लगाकर देश को एकता के धागे में बांधा था।
फिल्म कलाकार नाना पाटेकर ने एक फिल्म में गाने की शुटिंग के दौरान अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। तनुश्री ने गाने की स्टेप बदलने की मांग की ताकि नाना पाटेकर की छेड़छाड़ से वे बच सके। इसी पर विवाद हुआ। क्षेत्रीय वाद की मानसीकता से ग्रस्त नाना पाटेकर के बारे में यह भी सुनने को मिला कि वे तनुश्री के गाल को बार बार छू छा कर रहे थे। यह सब तनुश्री को अच्छा नहीं लगा। बस किसी बहाने तनुश्री को फिल्म से हटा कर राखी सांवत को फिल्म में जगह दे दी गई।
मराठी मानुष के नाम पर राज ठाकरे ने भी नाना पाटेकर का साथ देते हुये तनुश्री को काम न देने के लिये फिल्म प्रोड्यूसरों को पत्र लिख भेजा। प्रांतवाद को लेकर कभी उत्तर भारतीय पर हमला तो कभी मारवाड़ी और जैन समाज की महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ और हमला, तो कभी गुजराती मुंबई छोड़ो के नारे। ये सब कब तक चलेगा। सरकार कब देश को तोड़ने वाली ताकत के खिलाफ कारवाई करेगी?
यदि देश के दूसरे राज्यों में भी प्रांतवाद को लेकर मारकाट शुरु हो गई तो देश का क्या होगा? गुजराती, मारवाड़ी और पंजाबी यूपी, झारखंड और बिहार में भरे पड़े हैं। हां इनके अपेक्षा मराठियों की संख्या कम है लेकिन है। इन्हें कभी दिक्कत नहीं हुआ। आम नागरिक को हीं आगे आना पडे़गा देश की सुरक्षा में। क्योंकि आज की दुनियां में सरदार बल्लभ भाई पटेल नहीं हैं जिन्होंने आजादी के बाद प्रांतवाद और राजशाही पर रोक लगाकर देश को एकता के धागे में बांधा था।
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