काफी हो-हल्ला और उठापटक के बाद आखिरकार झारखंड से राज्यसभा के लिए एनडीए उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण सिंह और निर्दलीय उम्मीदवार परिमल नाथवाणी चुन लिये गये। जयप्रकाश नारायण का चुनाव जीतना तय था। सवाल था रिलायंस ग्रुप के प्रेसिडेंट परिमल नाथवाणी, सुप्रीम कोर्ट के वकील आर के आंनद और उद्योगपति किशोरीलाल में से चुनाव कौन जीतेगा। आखिरकार परिमल नाथवाणी ने चुनाव में जीत हासिल कर ली।
श्री नाथवाणी से झारखंडवासियों को काफी उम्मीदे हैं। झारखंड प्राकृतिक संसाधनो से धनी राज्य है लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में नहीं आ सका जबकि इसे देश का अव्वल दर्जे का राज्य होना चाहिए था। बहरहाल राज्य के विकास के लिये श्री नाथवाणी को गंभीरता से विचार करना चाहिये। नाथवाणी जी इतना ख्याल रखियेगा कि आपको लोग मीनू मसानी की तरह याद न करें। मसानी मुंबई के बड़े उद्योगपति थे और चुनाव जीते थे रांची लोकसभा से। लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो वापस लौट कर रांची कभी नहीं गये। इसलिये आप राज्य के विकास के लिये काम करेंगे तो लोग आपको भी टाटा की तरह याद करेंगे। और आपका भी व्यापार बढेगा।
श्री सिंह से भी काफी उम्मीदें है कि वे राज्य के विकास में अपना अधिकतम योगदान देंगे। श्री सिंह साधारण परिवार से हैं और वे अच्छी तरह समझ पायेंगे कि एक आम आदमी की बुनियादी जरुरते क्या हैं। नाथवाणी जी और जयप्रकाश जी आप दोनों ही राज्यसभा के नये सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व करेंगे झारखंड का। इसलिये आम जनता को आप लोगों से काफी उम्मीद है कि आप राज्य की तरक्की के लिये विशेष योगदान देंगे।
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