टाट समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि यदि कोई योग्य उत्तराधिकारी मिल जाता है तो वह पद छोड़ने को तैयार है हालांकि नियमानुसार वो अभी 5 साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। लेकिन उन्होंने पद छोड़ने का संकेत दे कर कंपनी के प्रति साकारात्मक रुख अपनाया। भारत के प्रमुख उद्योग घराने टाटा समूह ने पूरी दुनियां में अपनी छाप छोड़ी है। रतन टाटा ने अपने पिछले 16 साल के कार्यकाल में दुनियां की कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया।
रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की बागडोर संभाली थी। टाटा समूह के अंतर्गत 96 कंपनियां हैं और कर्मचारियों की संख्या लगभग 2.46 लाख है। उन्होने ने कहा कि हो सकता है कि एक समय टाटा का नाम भारत की तुलना में देश से बाहर अधिक हो। उन्होंने यह भी कहा कि कोरस अधिग्रहण करने के बाद उनका राजस्व 30 प्रतिशत से बढकर 50 प्रतिशत तक का राजस्व देश के बाहर से आयेगा।
टाटा मोटर्स के सिंगुर प्रोजेक्ट मामले को लेकर हुये आंदोलन और दिक्कतों के बारे में उनता कहना है कि जिन लोगों का भूमि अधिग्रहण किया गया है उन्हें परियोजना में हिस्सेदारी देने पर विचार किया जा रहा है। और उन्होंने उम्मीद जतायी कि पीपल्स कार 2008 के मार्च तक बाजा़र में आ जायेगा।
Tuesday, August 28, 2007
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