झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शिबू सोरेन को शशिनाथ झा हत्याकांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. उन्हें निचली अदालत ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.दिशोम गुरु के नाम से मशहूर शिबू सोरोन के साथ उम्र कैद की सजा पाए शैलेद्र भट्टाचार्या, अजय कुमार मेहता, किशोर मेहता और पशुपति नाथ मेहता को भी बरी कर दिया गया। हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाये।इतना हीं नहीं, हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के सभी तर्क को सिरे से खारिज कर दिया।
ट्रायल कोर्ट ने शिबू सोरोन को पिछले साल 28 नवम्बर(वर्ष 2000) को दोषी ठहराया और 5 दिसंबर को उम्र कैद की सजा दी थी । हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुआ कहा कि जब नरसिंह राव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को रिश्वत देने का प्रमाण नहीं है तो शशिनाथ झा द्वारा शिबू सोरेन से घूस की रकम में अपना हिस्सा मांगने का सवाल हीं नहीं उठता। इतना हीं नहीं हाई कोर्ट ने सीबीआई के इस तर्क को भी मानने से इंकार कर दिया कि बरामद कंकाल सोरेन के निजी सचिव शशिनाथ झा की है। डीएनए टेस्ट में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई थी।
बहरहाल शिबू सोरेन की रिहाई की ख़बर से सोरेन समर्थकों मे भारी उत्साह है। सोरेन के पुत्र दुर्गा सोरेन, हेमंत सोरेन और वंसत सोरेन ने इस पर खुशी जताई। उनकी पत्नी ऱुपी सोरेन ने कहा कि उन्हें न्यायलय पर पूरा भरोस था कि और न्याय की पूरी उम्मीद थी।हेंमत सोरेन ने कहा कि मेरे पिताजी का इस हत्याकांड से कोई लेना देना नहीं है लेकिन उन्हें काफी कष्ट झेलना पड़ा। मेरे परिवार को बदनाम किया गया लेकिन अंत में न्याय की जीत हुई। हम सभी परिवार को शुरु से ही न्यायलय पर भरोसा था कि पिताजी के साथ न्याय ज़रुर होगा।इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि शिबू सोरेन को देर से ही सही न्याय मिला है.उन्होंने कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो वे उनके लिये कुर्सी छोड़ने को तैयार हैं।
उधर शशिनाथ झा के परिवार वाले हाई कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। उनकी मां प्रियवंदा ने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। परिवार वालो का कहना है कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ वे उच्चतम न्यायलय जायेंगे।
Thursday, August 23, 2007
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