Friday, August 31, 2012

गुजरात दंगे मामले में कोडनानी और बजरंगी की कड़ी सजा।

नरोडा पाटिया गुजरात दंगे के मामले में विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री और बीजेपी एमएलए माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को सजा सुनाई है। अदालत ने कोडनानी को 28 साल और बजरंगी को पूरी जिंदगी जेल में बितान का आदेश दिया। बाकी 29 दोषियों में 7 को 31 साल और 22 को 24 साल की सजा सुनाई गई है।


बीजेपी विधायक कोडनानी को दो अलग-अलग धाराओं के तहत 28 साल की सजा सुनाई गई है। कोडनानी को हत्या के आरोप में उम्रकैद और साजिश रचने के आरोप में धारा 326 के तहत सजा सुनाई गई है। एक मामले में 10 और दूसरे मामले में 18 साल की सजा सुनाई गई।  इस तरह उन्हें कुल 28 साल जेल में काटने होंगे। और  बाबू बजरंगी को पूरी जिंदगी जेल में काटनी होगी।  

उल्लेखनीय है कि गोधरा ट्रेन हादसे के बाद नरोडा पाटिया में दंगे हुए थे जिसमें 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह मामला 28 फरवरी 2002 का है। इस मामले में कोडनानी और बजरंगी समेत 70 लोंगो को आरोपी बनाया गया। इनमें से 32 लोगों को सजा सुनायी गई। 29 लोगों को बरी किया गया। 2 फरार है और 7 की मौत हो चुकी है।

बहरहाल, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की परेशानी बढ सकती है। क्योंकि माया कोडनानी ने भीड़ को उकसाया था। बाद में कोडनानी महिला और बाल विकास मंत्री बनी थीं। मार्च 2009 में मंत्री रहते गिरफ्तार होने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

बीजेपी चुनाव का इंतजार करें, इस्तीफा नहीं दूंगा – प्रधानमंत्री सिंह

ईरान से वापस दिल्ली आने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। प्रधानमंत्री पद की एक गरिमा होती है इसलिये मैं इस मामले में चुप रहूंगा। बीजेपी 2014 चुनाव का इंतजार करे।

 
उल्लेखनीय है कि बीजेपी पिछले एक पखवाड़े से कोयला आवंटन के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लगातार इस्तीफे की मांग कर ही है। जबकि प्रधानमंत्री सिंह समेत कांग्रेस पार्टी ने इस आरोप को गलत बताया और कहा कि इस बारे में संसद में चर्चा की जानी चाहिये। इतना हीं नहीं कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां के मुख्यमंत्री खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसलिये बीजेपी संसद में चर्चा करने से डर रही है।

 
प्रधानमंत्री सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वो विपक्ष के दवाब में इस्तीफा नहीं देंगे। बीजेपी को चाहिए को वो संसद की गरिमा बनाए रखें। मैं तू-तू, मैं-मैं में नहीं पड़ना चाहता। विपक्ष की वजह से 90.8 फीसदी का ग्रोथ नहीं हो पा रहा है।

 
वहीं कांग्रेस के वरिष्ट नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) विनोद राय राजनीतिक महत्वकांक्षा पाले हुए हैं। उनकी महत्वकांक्षा टी एन चतुर्वेदी की तरह है। दिग्विजय ने कहा कि साल 1989 में टीएन चतुर्वेदी ने बोफोर्स तोप को लेकर एक रिपोर्ट को पेश किया था और बाद में सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। बाद में वह संसद के सदस्‍य बने और फिर कर्नाटक के राज्‍यपाल नियुक्‍त किए गए।


कांग्रेस महासचिव सिंह ने विनोद राय एक मनगढ़ंत आंकड़े दे रहे हैं, जिसका वास्‍तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। उन्‍होंने किस प्रकार इस आंकड़े का गणन किया, यह समझ से परे है।

Wednesday, August 29, 2012

दो-दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेंगे बिहार में।


केंद्र सरकार ने बिहार में दो-दो केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिये हरी झंडी दे दी है। ये विश्व-विद्यालय बिहार के गया और मोतिहारी जिले में बनाया जायेगा। और दोनो हीं विश्व विद्यालय के लिये 120-120 करोड़ रूपये आवंटित किये जायेंगे।

 
उल्लेखनीय है कि बिहार में केंद्रीय विश्व विद्यालय खोलने के लेकर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और राज्य के मुख्यमंत्री के बीच मतभेद थे। कपिल सिब्बल पटना या गया जिले में केंद्रीय विश्व विद्यालय बनाना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार के तमाम नेता इस पक्ष में थे कि केंद्रीय विश्व विद्यालय मोतीहारी में स्थापित किया जाये। यहीं के चंपारण से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ आगाज किया था।

 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह भी मानना है कि इससे बिहार में समान रूप से विकास हो सकेगा। वहीं केंद्रीय मंत्री सिब्बल का तर्क यह था कि केंद्रीय विश्व विद्यलाय बनने जा रहा है इसलिये जगह ऐसी जगह हो जो एयरपोर्ट, रेल और हाइवे सड़क से जुड़ी है।

 
बहरहाल कपिल सिब्बल ने ठोस कदम उठाते हुए यह तय किया कि बिहार में दो केंद्रीय विश्व विद्यलाय बनायें जायेंगे। इससे बिहार में पढाई का एक नया वातावरण बनेगा।

Wednesday, August 15, 2012

स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर के नेतृत्व में नये भारत का उदय।

स्टार प्लस पर दिखाये जाने वाले कार्यक्रम सत्यमेव जयतेने भारत में एक साइलेंट क्रांति का आगाज कर दिया है। इस कार्यक्रम ने देश के हर नागरिक को अपने कर्तव्य के प्रति जागरुक होने का अहसास दिलाया। इसका इतना अधिक प्रभाव पड़ा कि देश के इतिहास में पहली बार, किसी धारावाहिक पर, प्रधानमंत्री से लेकर एक आम आदमी तक चर्चा करते दिखे। इसके लिये स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर और फिल्म स्टार आमिर खान धन्यवाद के हकदार हैं।

आमिर खान पर्दे के एक बड़े नाम हैं। उन्हें हर लोग जानता है। इनसे हम आप सब वाकिब हैं। लेकिन हम आपको ऐसे हस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर इस कार्यक्रम की सफलता की स्क्रिप्ट लिखी और योजना बनाई। उन्होंने लोगों को देश और समाज की एकता और संपन्नता पर विचार करने के लिये मजबूर कर दिया। वे हैं स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर।

सत्यमेव जयते को कैसे सफल बनाया उदय शंकर ने - टेलीविजन की दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है पहला समाचार और दूसरा मनोरंजन। और दोनो हीं दुनिया में आज उदय शंकर से बड़ा कोई नाम नहीं है। उदय शंकर आज स्टार इंडिया के सीईओ हैं। इससे पहले वे सफल पत्रकार रह चुके हैं। उनकी पत्रकारिता की सफलता पर चर्चा से पहले हम यह जानेंगे कि उन्होंने सत्यमेव जयते को इतना अधिक लोकप्रिये कैसे बना दिया। फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन के एंकरिंग में कौन बनेगा करोड़पतिजैसा लोकप्रिय कार्यक्रम भी सत्यमेव जयते की लोकप्रियता के सामने काफी छोटा दिखने लगा। एक नजर स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर के दूरदृष्टि पर -

1. वे हमेशा देश और समाज को सही दिशा में ले जाने के लिये प्रयत्नशील रहे।
2. उन्होंने सत्यमेव जयते के विषय को चयन करने में, काफी मेहनत की और सकारात्मक दृष्टि अपनाया।
3. देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर आधारित सत्यमेव जयते को, स्टार इंडिया के स्टार प्लस समेत आधा दर्जन से उपर चैनल्स में दिखाने की रही झंडी दी।
4. इतना हीं नहीं अपने लोकप्रिय धारावाहिक सत्यमेव जयते को आमदनी का जरिया नहीं बनाया। उन्होंने विषय के महत्व को अधिक महत्व दिया।
5. देश और समाज को जोड़ने वाले इस कार्यक्रम को उन्होंने दूरदर्शन पर भी दिखाने की हरी झंडी दी। दूर्रदर्शन पर जो सत्यमेव जयते दिखाये गये उसका कॉमर्शियल लाभ भी स्टार इंडिया ने नहीं लिया बल्कि वह लाभ दूरदर्शन के खाते में गया।
6. बताया जाता है कि दूरदर्शन पर बिना कॉमर्शियल लाभ के दिखाने के पीछे उदय शंकर की सोच बेहद सकारात्म थी। वे चाहते थे कि देश और समाज को जोड़ने वाले इस कार्यक्रम को पूरा देश देखे। इसलिये उन्होंने कॉमर्शियल की परवाह नहीं की। उनका यह फैसला अदम्य साहस भरा था। शायद हीं किसी कंपनी का सीईओ ऐसा फैसला कर सके।
7. सफल पत्रकार रहे उदय शंकर ने मनोरंजन टीवी दुनिया की परिभाषा हीं बदल दी। उन्होंने यह कर दिखाया कि मनोरंजन की दुनिया में भी रहकर देश और समाज को आगे बढाने के लिये बहुत कुछ किया जा सकता है बर्शते सही सोच और नजरिया हो। सत्यमेव जयते इसका सबसे ताजा और बड़ा उदाहरण है।

स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने बतौर रिपोर्टर अपनी कैरियर की शुरूआत की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। वे न्यूज चैनल आजतक और स्टार न्यूज को हेड कर चुके हैं। इसके एडिटर-इन-चीफ रह चुके हैं। बहरहाल उनके नेतृत्व में सत्यमेव जयतेने देश और समाज को उस सच्चाई से रूबरू कराया जिसे काला सच मानकर देश की आधी आबादी ने अपने सीने में दबा रखा था लेकिन सत्यमेव जयते के प्रसारण के बाद लोग देश और समाज में फैली बुराईयों को दूर करने और एक स्वस्थ्य भारत बनाने के लिये खुलकर सामने आने लगे हैं।

बहरहाल, स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने एक स्वस्थ्य भारत बनाने की ओर ठोस कदम के साथ आगाज कर दिया है। आप कह सकते हैं कि बंदे में है दम, बंदे मातरम्।