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झारखंड के रत्न - रतन टाटा ने इतिहास रच दिया। अपने वचन को निभाते हुये टाटा ने एक लाख की कार ‘नैनो’ को दिल्ली में चल रहे ऑटो एक्सपो में पेश किया। इस कार को लेकर देश के लोगों में भारी उत्साह है। इस मौके पर रतन टाटा ने कहा कि मैंने हमेशा देखा है कि बहुत से परिवार दो-पहिया वाहन पर किस तरह से
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मुश्किलों में सफ़र करते हैं. एक व्यक्ति स्कूटर चला रहा होता है, उसका एक बच्चा उसके आगे हैंडल के पास खड़ा होता है, उसकी पत्नी पिछली सीट पर बैठी होती है और उसकी गोद में एक छोटा बच्चा होता है." बस यही देखकर मैंने यह तय किया कि मैं ऐसे गाड़ी का निर्माण करुंगा जिसमें आम नागरिक भी अपने परिवार के साथ बैठ कर सुरक्षित तरीके से सफर कर सके। रतन टाटा ने देशवासियों को शानदार तोहफा दिया है।
कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं कि इससे ट्रैफिक बढ जायेगा। ये विरोध ट्रैफिक के खिलाफ नहीं बल्कि देश की आम जनता के खिलाफ है। क्योंकि कारों की संख्या ऐसे भी बढ रही है? क्या महंगी कार बनना बंद हो जायेगी ? यदि धनवान लोग कार पर चल सकते हैं तो आम आदमी क्यों नहीं ? रतन टाटा सही में देश के रत्न हैं।
1 comment:
रतन टाटा ने आम मध्यवर्ग की स्थिति को बखूबी समझा है। एक समय जो काम मारुति-800 ने किया था, वही काम अब टाटा की नैनो करेगी। स्कूटरों और मोटरसाइकिलों पर लदकर चलनेवाले परिवार अब नैनो का रुख कर सकते हैं।
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