है कोई माई का लाल जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोई कुछ बिगाड़ सके। न तो किसी नेता में ताकत है, न तो जनता में और न हीं केन्द्र सरकार में। मोदी के
नेतृत्व में तीन महीनों
तक राज्य में दंगे होते रहे। हत्याएं होती रही। शहर का शहर जलता रहा। महिलाओं की इज्जत तार तार होती रही। पत्रकार पीटते रहे। सही रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों के कपड़े उतरवा दिये गये। गुजरात जल रहा था और केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सोती रही। हकीकत ये है कि बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इतनी हैसियत नहीं थी कि वे नरेन्द्र मोदी को कुछ कह सकें। आज की तिथि में वाजपेयी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भी नरेन्द्र मोदी कुछ नहीं समझते।इसका ताजा उदाहरण है- दिल्ली में गुजरात सरकार द्वारा किये गये विकास कार्य की सीडी जारी करना। इस सीडी में लालकृष्ण आडवाणी से लेकर कई नेताओं को जगह दी गई है। कांग्रेसी नेता और केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ को भी जगह दी गई है लेकिन आधे घंटे की सीडी में वाजपेयी और राजनाथ सिंह को जगह नहीं दी गई। जिस समय यह सीडी धूमधाम से जारी की गई उस समय भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। उसी समय यह चर्चा शुरु हो गई थी कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ का इससे अधिक अपमान नहीं हो सकता। गुजरात के एक नेता और मोदी समर्थक ने बताया कि गुजरात में नरेन्द्र मोदी की जीत पक्की है यदि नहीं हुई तो आगामी लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये पार्टी का नेतृत्व मोदी को ही दिया जाना है।
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2 comments:
मोदी का जब बाहरी लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है तो उन्हें पार्टी नेतृत्व की कोई परवाह क्यों होने लगी। उनका वश चले तो वाजपेयी या राजनाथ तो छोड़ दीजिए, आडवाणी तक का सफाया करवा दें। हरेन पंड्या का हश्र तो आपको याद ही होगा।
महोदय
कभी कभी हम किसि व्यक्ती की इतनी आलोचना करते हैं कि उसकी हर अच्छी बात को भी नकारने लगते हैं,इतनी विपदाओं के बाद भी गुजरात देश का सबसे तेज प्रगति करने वाला राज्य बना हुआ है
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