ए-प्लास्टिक एनेमिया से पीड़ित धनबाद
जिले के 11 वर्षीय सुमित कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने अंत तक इस
बीमारी से संघर्ष किया। यहां तक कि अपने आखिरी समय में भी उन्होंने बातचीत के
दौरान यही कहा कि मैं ठीक हूं। लेकिन आखिरकार उसी दिन (25 नवंबर 12) दोपहर ढाई बजे
उन्होंने कोलकाता के टाटा कैंसर होस्पिटल में दम तोड़ दिया।
टाट कैंसर होस्पिटल कोलकाता के निदेशक और
ए-प्लास्टिक एनेमिया विशेषज्ञ डॉ मामेन चंडी ने कहा कि हमने सुमित को ठीक करने के
लिये बहुत कोशिशें की लेकिन अंतत: असफल रहे। वह
काफी हिम्मत वाला लड़का था। इतने कठिन इलाज के दौरान भी वह कभी नहीं घबराया। सुमित
की मां शोभा कुमारी एक महान मां है । उन्होंने हर पल अपने पुत्र सुमित कुमार के
साथ रही। लगातर अपने पुत्र की सेवा करती रही। उनके पिता हरिद्धार जी ने अथक कोशिश
की अपने पुत्र के इलाज के लिए।
हरिद्धार जी पेशे से गणित के शिक्षक हैं
और धनबाद के हिरापुर स्थित एक प्राइवेट हाई स्कूल में पढाते हैं। वे इस बीमारी के
इलाज के लिये आर्थिक रूप से अक्षम थे लेकिन अपने पुत्र के इलाज के लिये उन्होंने
जबरदस्त मेहनत की। और धन जुटाया।
देश-दुनिया के नामी हस्तियों ने भी सुमित
के इलाज के लिये आगे बढे – उनमें डॉ मामेन चंडी
के अलावा विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति रत्न
टाटा, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली और पश्चिम बंगाल की
अभिनेत्री कोयल मुख्य रूप से रही। ये सभी जानी मानी हस्तियों ने व्यक्तिगत तौर पर
अस्पताल जाकर सुमित से मुलाकात भी किये। ब्रिटेन के प्रींस विलियम ने भी कोलकाता
भ्रमण के दौरान सुमित से मुलाकात की। इतना हीं नहीं सार्वजिनक कंपनी बीसीसीएल
के चेयरमैन टी.के. लाहिरी के नेतृत्व में बीसीसीएल ने भी इलाज के लिये आर्थिक मदद
की। धनबाद जिला का डिनोवली स्कूल ने बढ चढ कर सुमित के इलाज के लिये आर्थिक मदद
की। इसके अलावा दर्जनों लोगों ने भी आर्थिक मदद की। मास्टर जी के नाम से प्रसिद्ध
सुमित कुमार के पिता हरिद्धार जी ने सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया है।
सौरभ गांगुली ने अपने प्रशंसक सुमित से
जब मिलने अस्पातल पहुंचे तो उनके लिये ढेर सारे क्रिकेट का सामान लेकर गये थे।
सुमित भी सौरभ गांगुली बैटिंग कैसे करते हैं यह करके दिखाया था।
सुमित का जन्म 27 जनवरी 2001 को धनबाद
जिले के सरायढेला में हुआ था। और निधन 25 नवंबर 2012 को। 25 नवंबर को रविवार का
दिन था लेकिन जैसे हीं ये खबर पहुंची कि सुमित कुमार इस दुनिया में नहीं रहा वैसे
हीं पूरा होस्पिटल सुमित के लिये उमड़ पड़ा। क्या डॉक्टर और क्या नर्स सभी सुमित
को देखने के लिये पहुंचने लगे।
यही हाल धनबाद का भी था। जैसे हीं शहर
में यह खबर पहुंची कि शहर के लोग उमड़े पड़े। सुमित का पार्थिव शरीर रात दस बजे के
बाद धनबाद पहुंचा। लोग पहले से ही बड़ी संख्या में सुमित के घर के बाहर जमा थे। और
सुबह होते हीं बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
बहरहाल सुमित कुमार ने अपने बाल अवस्था
में हीं इस संसार से विदा ले लिये। वे एक मेधावी छात्र थे।
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