Wednesday, April 6, 2011

भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ एक मजबूत स्तंभ का नाम है सुमन गुप्ता

भ्रष्टाचार के खिलाफ जब पूरे देश में सुगबूगाहट शुरू हो चुकी है तब ऐसे में झारखंड में भी चर्चा होना लाजमी है। झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता इन दिनों हर जुबान पर हैं। मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार ने सुमन गुप्ता को पुलिस के वायरलेस विभाग में भेज दिया है। इसको लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर अंगुली उठने लगी है। सवाल किये जाने लगें है कि आखिर क्यों एक ईमानदार आईपीएस अफसर को मुख्यधारा से हटाकर वायरलेस विभाग में भेज दिया गया ? क्या ईमानदारी से काम करने का यही ईनाम होता है।


सुमन गुप्ता इससे पहले धनबाद जिले की एसपी थी। वहां उन्होंने आर्गेनाइज क्राईम को पूरी तरह रोक दिया था। अपराध में भारी कमी आ गई थी। लेकिन अर्जुन मुंडा ने विधान सभा का उपचुनाव जितने के बाद हीं आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता का ट्रांसफर कर दिया। वह भी वायरलेस विभाग में। रांची के महेश रवानी कहते हैं कि सुमन गुप्ता देश की आईरन लेडी हैं। अपराध करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं छोडती चाहे वह पुलिस विभाग का ही कोई अधिकारी हो या कोई माफिया डॉन या कोई अन्य भ्रष्टाचारी।


रांची के हीं सुबोध उरांव कहते हैं कि सुमन गुप्ता देश की दूसरी किरण बेदी हैं। ईमानदारी की एक धार भारी पडेगा अपराधियों पर। जब सुमन गुप्ता धनबाद छोड कर जा रही थी तब पूरे शहर की आंखे नम थी। लोगों ने भरे दिल से उन्हें बिदा किया। ऐसा सम्मान पहले किसी भी आईपीएस अधिकारी को नहीं मिला।


बहरहाल जब देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चल रहे है ऐसे में आईरन लेडी सुमन गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपंर्क नहीं हो पाया। शायद वे यही सोच रही होंगी कि ईमानदारी से काम करने, गरीबो पर हो रहे अत्याचार को रोकन और विकास की बातें करने पर ईनाम नहीं, सजा मिलती है। उन्हें जानने वाले लोग बताते हैं कि आईपीएस सुमन गुप्ता अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हट सकती। आज देश ऐसे ही अधिकारियों के दम पर आगे बढ रहा है।