Sunday, May 8, 2011

सहारा ग्रूप के न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय को बदनाम करने की कोशिश

प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी राजकेश्वर सिंह ने सहारा ग्रूप के न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें रिश्वत देने और धमकी देने की कोशिश की। दूसरी ओर उपेंद्र राय ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश है। अब यह मामला अदालत में है। अब माननीय अदालत को फैसला करने दीजिये। लेकिन कुछ लोग सहारा ग्रूप के न्यूज डायरेक्टर राय के खिलाफ प्रचार अभियान में ऐसे जुट गये हैं जैसे किसी से सुपाड़ी खाई हो।

उपेंद्र राय को जानने वालों का कहना है कि उपेंद्र राय जिस भी समाचार को कवर किये वे उसमें रम जाते थे। तह तक काम करते थे। इस दौरान उनके रिपोर्टिंग से जिसके काले कारनामे सामने आ गये या जिसका लेन-देन का हिसाब किताब गडबड़ा गया वह उपेंद्र के खिलाफ हो गये। वह उपेंद्र को बदनाम करने की हर संभव कोशिश करने लगे।

बहरहाल जो भी हो अब मामला माननीय अदालत में है। लेकिन जो लोग उपेंद्र को बदनाम करने में लगे हैं उन्हें उपेंद्र के पत्रकारिता करियर पर भी एक नजर डाल देनी चाहिये। तब शायद उनका भ्रम दूर हो जायेगा।

उपेंद्र राय सहारा न्जूय में बतौर डायरेक्टर ज्वाइन करने से पहले स्टार न्यूज में सिनियर एडिटर थे।

ब्रेकिंग न्जूय - उपेंद्र ने हार्ड न्यूज से लेकर मनोरंजन की दुनिया तक में ऐसे न्यूज ब्रेक किये जिसके बारे में आम लोग जानना चाहते हैं। उन्होंने दर्जनों न्यूज ब्रेक किये हैं लेकिन जो याद है उनका उल्लेख आगे कर रहा हूं। 20 अक्टूबर 2005 को उन्होंने डीमेट एकाउंट घोटाला का पर्दाफाश किया था। इस घोटाले में देश की बड़ी बड़ी फाईनेंश कंपनियां और ट्रैड से जुड़े दिग्गज लोग शामिल थे। इनलोगों ने गरीब लोगों ने नाम पर फर्जी डीमेट एकाउंट खोल रखे थे और करोड़ो करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया। उपेंद्र की रिपोर्ट के बाद दिल्ली से लेकर मुंबई तक की सारी सरकारी मशिनरी हरकत में आई।26 अक्टूबर 2005-2006 के दौरान उपेंद्र ने फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन सहित अन्य कलाकारों के कमाई का लेखा जोखा पेश किया। और टैक्स से जुड़े सारे मामले सामने लाये। यह खबर भी उन दिनों काफी चर्चित रही। जैसे जैसे समय निकलता गया उपेंद्र एक से एक खोजी खबर जनता के सामने लाते गये।5 जनवरी 2007 को उन्होंने घोड़े के कारोबार से जुडे हसन अली को लेकर जबरदस्त खबर ब्रेक की ।

देश-दुनिया से जुड़े 36 हजार करोड के घोटाले का पर्दाफाश जब उपेंद्र ने किया तो सारी दुनिया चकित रह गई। पूरा सरकारी महकमा सकते में आ गया। इतना बड़ा घोटाला देश के सामने पहले कभी नहीं आया था। इसके अलावा दर्जनों हार्ड न्यूज ऐसे हैं जिसका ब्रेक उपेंद्र ने किया। यह न्यूज आज भी छाया हुआ है। और खास बात यह रही कि जिस न्यूज को ब्रेक उपेंद्र ने किया। वह खबर दूसरे रिपोर्टर को अगले दिन भी ठिक से नहीं मिल पाती थी।

मनोरंजन से जुड़े क्षेत्र में भी उपेद्र का जबरदस्त दखल रहा है। फिल्मी दुनियां की हस्ती ऐश्वर्या और अभिषेक बच्चन की शादी को लेकर मीडिया जगत में कयास लगाये जाते रहे। शादी की तिथियों को लेकर अटकलें लगती रही लेकिन पुख्ता तौर पर इस खबर को उपेंद्र ने हीं स्टार न्यूज में ब्रेक किया।


अवार्ड से सम्मानित -उनके जाबांजी रिपोर्टिंग के कारण हीं कई बार उपेंद्र को महत्वपूर्ण पुरूस्कारों से नवाजा गया। 19 जुलाई 2007 को देश का सबसे बढिया टीवी पत्रकार के लिये उन्हें न्यूज टेलीविजन अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें इस वर्ष भी शानदार रिपोर्टिंग और पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिये लायन गोल्ड अवार्ड से नावाजा गया। इन सबसे पहले उपेद्र को 2006 में स्टार न्यूज एचिवर अवार्ड से नवाजा गया।ब्रेकिंग न्यूज और शानदार रिपोर्टिंग के लिये लगातार किसी न किसी अवार्ड से सम्मानित किया जाना हीं उनकी शानदार सफलता को दर्शाता है।

उपेंद्र ने पत्रकारिता में अपनी कैरियर की शुरूआत राष्ट्रीय सहारा अखबार से शुरू की। सहारा के बाद वे स्टार न्यूज ज्वाईन किये। फिर वे बिजनस चैनल आवाज में गये। यहां यह बता दूं कि उपेंद्र की बिजनस न्यूज के मामले में भी जबरदस्त पकड़ है। उसके बाद फिर स्टार न्यूज आये और अब वे सहारा समय चैनल के न्यूज डायरेक्टर हैं।

बहरहाल यह भी खबर है कि उपेंद्र को हटाने के लिये बड़े बड़े दिग्गज लगे हुए हैं क्योंकि उपेंद्र बहुत कम ही उम्र में सहारा का न्यूज डायरेक्टर बन गये। ऐसे में कई लोग जो सहारा में डायरेक्टर बनने का सपना पाले हुए थे वे अपने सपने को चुर होते देख उपेंद्र के खिलाफ हो गये।

Wednesday, April 6, 2011

भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ एक मजबूत स्तंभ का नाम है सुमन गुप्ता

भ्रष्टाचार के खिलाफ जब पूरे देश में सुगबूगाहट शुरू हो चुकी है तब ऐसे में झारखंड में भी चर्चा होना लाजमी है। झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता इन दिनों हर जुबान पर हैं। मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार ने सुमन गुप्ता को पुलिस के वायरलेस विभाग में भेज दिया है। इसको लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर अंगुली उठने लगी है। सवाल किये जाने लगें है कि आखिर क्यों एक ईमानदार आईपीएस अफसर को मुख्यधारा से हटाकर वायरलेस विभाग में भेज दिया गया ? क्या ईमानदारी से काम करने का यही ईनाम होता है।


सुमन गुप्ता इससे पहले धनबाद जिले की एसपी थी। वहां उन्होंने आर्गेनाइज क्राईम को पूरी तरह रोक दिया था। अपराध में भारी कमी आ गई थी। लेकिन अर्जुन मुंडा ने विधान सभा का उपचुनाव जितने के बाद हीं आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता का ट्रांसफर कर दिया। वह भी वायरलेस विभाग में। रांची के महेश रवानी कहते हैं कि सुमन गुप्ता देश की आईरन लेडी हैं। अपराध करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं छोडती चाहे वह पुलिस विभाग का ही कोई अधिकारी हो या कोई माफिया डॉन या कोई अन्य भ्रष्टाचारी।


रांची के हीं सुबोध उरांव कहते हैं कि सुमन गुप्ता देश की दूसरी किरण बेदी हैं। ईमानदारी की एक धार भारी पडेगा अपराधियों पर। जब सुमन गुप्ता धनबाद छोड कर जा रही थी तब पूरे शहर की आंखे नम थी। लोगों ने भरे दिल से उन्हें बिदा किया। ऐसा सम्मान पहले किसी भी आईपीएस अधिकारी को नहीं मिला।


बहरहाल जब देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चल रहे है ऐसे में आईरन लेडी सुमन गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपंर्क नहीं हो पाया। शायद वे यही सोच रही होंगी कि ईमानदारी से काम करने, गरीबो पर हो रहे अत्याचार को रोकन और विकास की बातें करने पर ईनाम नहीं, सजा मिलती है। उन्हें जानने वाले लोग बताते हैं कि आईपीएस सुमन गुप्ता अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हट सकती। आज देश ऐसे ही अधिकारियों के दम पर आगे बढ रहा है।