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हिंदू-मुस्लिम के बीच विवाद पैदा करने वाले शिवसेना-बीजेपी इसी ताक में रहती है कि कोई मुसलमान थोड़ी सी भी पाकिस्तान की तारीफ कर दे तो उसके देश भक्ति पर ही सवालिया निशान लगाना शुरू कर देतें है। हालांकि शाहरूख खान के मामले में पहली बार शिवसेना के खिलाफ जाकर बीजेपी ने शाहरूख खान के विरोध को गलत बताया। जबकि शिवसेना और उन जैसी पार्टियों ने लगातार देश को तोड़ने का काम किया और अपने को देश भक्त बताते हैं।
मुंबई में आईपीएल क्रिकेट मैच के लिये खिलाडियों की बोली लगाई जा रही थी। इसमें पाकिस्तान के खिलाडियों को भी शामिल किया गया। लेकिन पाक खिलाडियों के नाम पर किसी ने बोली नहीं लगाई। इस पर पाकिस्तान के खिलाडियों ने आपत्ति जताई। उनका आपत्ति जताना जायज था। क्योंकि यदि आंतकवाद के मुद्दे पर राजनीति से खेल को जोड़ते हैं तो ऐसें में पाकिस्तान के खिलाडियों को निमंत्रण हीं क्यों दिया गया। यह भी मान लेते हैं कि यदि किसी ने पाकिस्तान खिलाडियों पर बोली नहीं लगाई। और ऐसे में शाहरूख खान ने यह कह दिया कि पाक खिलाडियों का भी चुना जाना चाहिये था तो उन्होंने कौन सा गुनाह कर दिया। इस बात को लेकर शिवसेना शाहरूख के पीछे पड़ गई।
देश के गृहमंत्री पी चिंदबरम से लेकर देश के जाने माने कई हस्तियों ने भी इसी प्रकार के बयान दिये। तो उनके खिलाफ शिवसेना ने क्यों नहीं सडको पर उतरी।
शाहरूख खान अपने देश की आन-बान-शान है। उनके देश भक्ति पर अंगुली उठाने का मतलब यही है कि जो लोग खुद देशद्रोह के काम में लगे हैं वे दूसरे पर अंगुली उठाकर अपने को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।