Thursday, October 2, 2008

राहुल गांधी ने गरीबों के दिल में जगह बनाई


राहुल गांधी भारतीय राजनीति की तस्वीर बदलने वाले हैं। वे लोगों को अपने कर्म से संदेश दे रहे हैं कि नेताओं को अपनी जनता के साथ किस तरह से जुड़े रहना चाहिये। राजस्थान में आदिवासी समुदाय के बीच मजदूरों की तरह मिठ्ठी खनना और मिठ्ठी से भरे लोहे की कडाही को दूर ले जाकर फेकना। मजदूरों के चारपाई पर ही सोना और उनके साथ ही भोजन करना एक साथ कई संदेश दे जाता है। ऐसे वे पहले से करते आ रहे हैं लेकिन राहुल गांधी की मजदूरी को देख भाजपा समेत कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने भले ही एक ड्रामा बताया हो लेकिन आम लोगो के बीच राहुल गांधी की जय जय कार ही हो रही है।

राहुल के इस कदम को दो तरह से लिया जा रहा है। राजनीतिक विरोधी दलो के नेता कह रहे हैं कि वोट बैंक के लिये य़ह सब कुछ एक ड्रामा हो रहा है। पर आम जनता यही कह रही है कि वोट बैंक के लिये हर राजनीतिक दल नाटक करती है। कोई धर्म के नाम पर दंगा करवाता है तो कोई जातीय राजनीति का खेल करता है तो कोई भाषा के नाम पर हंगामा करता है लेकिन राहुल गांधी ने तोडने के वजाय जोड़ने का काम किया है।

राहुल गांधी कहते हैं कि दो तरह के भारत हैं एक अमीर भारत और दूसरा गरीब भारत। देश के अन्य नेताओं की तरह राहुल गांधी भी अमीर भारत को जानते रहे और अनुभव करते रहे। गरीब भारत को उन्होंने किताबों में ही पढा होगा। लेकिन जिस तरीके से राहुल गांधी ने गरीब भारत को जानने और खोज पर निकले हैं ऐसे पहले किसी युवराज ने नहीं किया। वे किताबों के बजाय उनके साथ रह कर, उनके साथ भोजन कर , उनके कामकाज को खुद कर अनुभव कर रहे है। ऐसा पहले किसी युवराज ने नहीं किया।

राहुल गांधी देश के सबसे ताकतवर परिवार के युवराज है। इनके परिवार में तीन पीढी प्रधानमंत्री रहे। मां सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव हैं। ऐसे दर्जनों नेता है जो बड़े बड़े ओहदे पर हैं लेकिन जिस प्रकार से राहुल ने गरीब भारत के साथ अपने आपको जोड़ रहे हैं। वह एक मिसाल है।